शिमला:हिमाचल प्रदेश की धरती पर एसीसी, अंबुजा और अल्ट्राटेक कंपनियों के सीमेंट प्लांट हैं. प्रदेश में छोटे बड़े 6 सीमेंट उद्योग हैं. यहां काम कर रहीं सीमेंट कंपनियां हिमाचल की धरती और पर्यावरण के बीच मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन हिमाचल के लोग महंगा सीमेंट खरीदने को मजबूर हैं. भले ही राज्य में तैयार होने वाला सीमेंट यहां के लोगों को महंगा मिलता है, लेकिन मंजूरी के बावजूद तीन सीमेंट प्लांट न खुलने से सरकार को बड़ा नुकसान राजस्व का हो रहा है.
दरअसल एक सीमेंट प्लांट से सरकार को सालाना पांच सौ करोड़ रुपये की कमाई (cement price in himachal) होती है, जबकि प्रत्यक्ष व परोक्ष तौर पर सात हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होता है. प्लांट में इंजीनियरों से लेकर करीब एक हजार लोगों को नियमित नौकरी मिलती है. ऐसे में भाजपा सरकार सीमेंट उद्योग स्थापित (Cement Industries in Himachal) करने के लिए गंभीर है. प्रदेश में चूना पत्थर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.
यहां लगेंगे सीमेंट प्लांट:इस समय प्रदेश में छह सीमेंट प्लांट हैं. अंबूजा और एसीसी के दो-दो और अल्ट्राटेक और सीसीआइ का एक-एक प्लांट उत्पादन कर रहा है. जिला शिमला के तहत चौपाल के गुम्मा में रिलायंस कंपनी सीमेंट प्लांट लगाना चाहती है. इसी तरह से सुंदरनगर में हरीश सीमेंट कंपनी, चंबा में सीमेंट प्लांट और सिरमौर के नौहराधार में भी व्हाइट सीमेंट प्लांट के लिए कवायद तेज है.
प्रदेश में पिछले चार माह में सीमेंट के दाम दो बार बढ़ाये जा चुके हैं. सीमेंट कंपनियों ने प्रदेश भर में सीमेंट के रेट 25 से 30 रुपये रुपये प्रति बैग बढ़ा दिए हैं. जिसके बाद बाजार में परचून विक्रेताओं के पास 455 से 460 रुपये प्रति बैग पहुंच रहा है. इस दाम पर परचून विक्रेताओं का लाभ अतिरिक्त रहेगा. इससे पहले सीमेंट कंपनियों ने जनवरी में भी प्रति बैग दाम में 10 रुपये की वृद्धि की थी.
इस वजह से बढ़ रहे सीमेंट के दाम: जयराम सरकार के सत्तासीन होते समय 2017 में हिमाचल प्रदेश में सीमेंट का दाम 350 रुपये प्रति बैग था. तब से लेकर अब तक 105 रुपये से 110 रुपये तक दाम (Cement price hike in Himachal ) बढ़ चुके हैं. अब निचले हिमाचल में करीब 460 और ऊपरी हिमाचल में 485 रुपये तक सीमेंट का बैग मिलेगा. हालांकि सीमेंट कंपनियां तर्क दे रही हैं कि डीजल-पेट्रोल के दामों में लगातार उछाल (Diesel-petrol prices hiked) के कारण सीमेंट के दामों में भी बढ़ोतरी करनी पड़ रही है. कंपनी अधिकारियों का कहना है कि कच्चे माल की ढुलाई के रेट बढ़ने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
प्रदेश में हैं सीमेंट की ये कंपनियां: तीन महीने पहले जब सीमेंट के दाम में बढ़ोतरी हुई थी तब सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था. जिसने सीमेंट कंपनियों के साथ बातचीत की वहीं उन पर नकेल कसने की भी कोशिशें की थीं. इसका असर यह हुआ कि दूसरे राज्यों के मुकाबले हिमाचल में यह दाम कम बढ़े हैं. एक साथ अधिक दाम बढ़ाने की बजाय कंपनियों ने थोड़ा-थोड़ा करके इनको बढ़ाने की सोची है. प्रदेश में एसीसी, अल्ट्राटेक व अंबूजा तीन बड़ी सीमेंट कंपनियां हैं. बावजूद इसके प्रदेश में बनने वाला सीमेंट. यहां के लोगों को महंगा मिल रहा है.
सरकार पर लोगों की तरफ से भी दवाब है वहीं विपक्ष भी इसे मुद्दा बना रहा है. फिलहाल पूरे देश में सीमेंट के दाम बढ़ने से हिमाचल में भी बढ़े हैं और आज जनता के लिए निर्माण कार्य महंगा हो गया है. वहीं, सरकार की तरफ से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया ना आने से भी लोग नाराज हैं.
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