हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

दिवाली पर हिमाचल में पटाखे जलाने की मिल सकती है छूट, सरकार को भेजा गया प्रस्ताव

हिमाचल में पटाखे जलाने कि छूट मिल सकती है. एनजीटी के आदेश आते ही प्रदूषण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट तैयार करके सरकार को भेज दी है. बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि एनजीटी ने वायु प्रदूषण के लिहाज से अति संवेदनशील शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध और मॉडरेट श्रेणी में आने वाले शहरों में पटाखे चलाने के लिए दो घंटे की छूट दी है. सरकार को इसको लेकर प्रस्ताव भेजा गया है और वायु प्रदूषण की स्थिति को लेकर एनजीटी को भी अवगत करवा दिया गया है.

fire crackers ban himachal
fire crackers ban himachal

By

Published : Nov 9, 2020, 10:49 PM IST

शिमला: सोमवार को एनजीटी के दिए आदेशों के बाद जहां देश के कई राज्यो ने पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं हिमाचल में पटाखे जलाने कि छूट मिल सकती है. एनजीटी के आदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास पहुच गए हैं. एनजीटी ने राज्यों को पिछले साल नबंवर में प्रदेश के शहरों का प्रदूषण लेवल मापकर इस साल से तुलना करने को कहा है.

एनजीटी ने आदेश दिया है कि जिन सहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है वहां पटाखे जलाने पर प्रतिबंध हो. जबकि जिन शहरों में प्रदूषण का स्तर कम है वहां सिर्फ दो घंटे के लिए पटाखे जलाने की छूट दी जा सकती है. हालांकि ऐसे स्थानों पर भी सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत होगी ताकि पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो.

एनजीटी का आदेश

एनजीटी ने हिमाचल समेत अन्य प्रदेशों को आदेश दिया है कि पिछले साल नवंबर महीने में प्रदेश के शहरों का प्रदूषण लेवल क्या था इसे मापा जाए और जिन शहरों में सबसे खराब स्थिति है वहां पर पटाखे नहीं जलाए जाएंगे. जिन क्षेत्रों में वातावरण ठीक है और प्रदूषण का स्तर कम है वहां पर दो घंटे तक ही पटाखे जलाए जा सकते हैं.

हिमाचल में प्रदूषण का स्तर

एनजीटी के आदेशो के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले साल नंवबर महीने के आंकड़ों को खंगाला है. जिसमें सामने आया है कि नालागढ़ और बद्दी में सबसे ज्यादा प्रदूषण है जिन्हें मॉडरेट कैटेगिरी में रखा गया है. इसके अलावा राज्य में जिन दूसरे शहरों का आंकलन किया गया है उनमें ऐसा कोई शहर नहीं है जोकि ज्यादा प्रदूषित हो. ऐसे में वहां पर दो घंटे तक ग्रीन पटाखे जलाने की छूट दी जा सकती है.

बद्दी और नालागढ़ हिमाचल के इंडस्ट्रियल एरिया हैं. पिछले साल नवंबर के दौरान प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा लिए गए आंकड़ों के मुताबिक बद्दी और नालागढ प्रदेश में सबसे अधिक प्रदूषित शहर हैं. यहां प्रदूषण का स्तर 101-200 तक रहा. इसके अलावा जिन शहरों को गुड कैटेगिरी में रखा गया है उनमें शिमला शहर, परवाणू, धर्मशाला और रोहतांग क्षेत्र है. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में प्रदूषण की मात्रा 0-50 के बीच है. वहीं डमटाल, पांवटा साहिब, काला अंब, ऊना, सुन्दरनगर शहर में भी प्रदूषण का स्तर संतोषजनक कहा जा सकता है. यहां प्रदूषण का स्तर 51-100 के बीच रहा.

सरकार के पाले में गेंद

एनजीटी के आदेश आते ही प्रदूषण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट तैयार करके सरकार को भेज दी है. बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि एनजीटी ने वायु प्रदूषण के लिहाज से अति संवेदनशील शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध और मॉडरेट श्रेणी में आने वाले शहरों में पटाखे चलाने के लिए दो घंटे की छूट दी है. सरकार को इसको लेकर प्रस्ताव भेजा गया है और वायु प्रदूषण की स्थिति को लेकर एनजीटी को भी अवगत करवा दिया गया है. ऐसे में प्रदेश में पटाखे जलाने को लेकर अंतिम फैसला सरकार को लेना है.

ये भी पढ़ें-हिमाचल के 11 जिलों में रविवार को जनमंच का हुआ आयोजन, 846 शिकायतें एवं मांग पत्र हुए प्राप्त

ABOUT THE AUTHOR

...view details