जयपुर/शिमला: राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्यपीठ ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को राहत मिली है. हाईकोर्ट ने जेपी नड्डा के खिलाफ राजस्थान के हनुमानगढ़ थाने में दर्ज एफआईआर पर आगामी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश पीएस भाटी की एकलपीठ ने यह आदेश जेपी नड्डा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राज दीपक रस्तोगी ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ता मनोज सैनी ने हनुमानगढ़ पुलिस थाने में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय के खिलाफ गत 23 अप्रैल को एफआईआर दर्ज कराई थी.
मामले के अनुसार अमित मालवीय ने 10 अप्रैल को अपने ट्विटर से एक न्यूज के आधार पर ट्वीट किया था. न्यूज में कहा गया था की भीलवाड़ा में 22 लाख लोगों के कोरोना टेस्ट किए गए हैं. जिस पर मालवीय ने ट्वीट में लिखा था की जहां भी राहुल गांधी होते हैं, वहां चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है.
याचिका में बताया गया की मालवीय ने वही रिट्वीट किया था जो समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया था. याचिका में यह भी कहा गया कि कांग्रेसी कार्यकर्ता ने केवल राजनीतिक द्वेष के चलते मामला दर्ज कराया है. यही एफआईआर अलग-अलग लोगों ने बूंदी, कुचामनसिटी और जोधपुर सहित अन्य जगहों में भी दर्ज कराई थी, जिससे स्पष्ट है कि यह कार्रवाई केवल राजनीतिक दुर्भावना से की गई थी.
अमित मालवीय ने जो भी ट्वीट किए थे, उसमें कोई गलती नहीं थी, क्योंकि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी 7 अप्रैल को भीलवाड़ा में 22 लाख टेस्ट किए जाने की बात कही थी. याचिका में गुहार लगाई गई थी कि याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एफआईआर पर आगामी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है.