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Published : Apr 15, 2019, 3:59 PM IST

Updated : Apr 15, 2019, 4:26 PM IST

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विस चुनाव में सांसदों के गोद लिए गांवों में ही पिछड़ गई थी बीजेपी, क्या लोकसभा चुनाव में मिलेगा साथ

सांसद आदर्श गांव योजना की शुभारंभ गांवों के निर्माण और विकास के लिए किया गया था. इसकी शुरुआत लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्मदिन के मौके पर 11 अक्टूबर 2014 में की थी.

बीजेपी सांसद

शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आदर्श सांसद गांव योजना के तहत सूबे के चारों सांसदों ने अपने लोकसभा क्षेत्र में गांव को गोद लिया था. लोगों को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार की इस पहल से उनके गांव की तकदीर संवरेंगी. माननीय सांसदों ने जिस गांव को कागजों में अपनाया था, हकीकत में वो उसे भुला बैठे. जिसका असर साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था.

आदर्श सांसद गांव योजना के तहत सांसदों ने गोद लिए गांवों से विधानसभा चुनाव-2017 में भाजपा उम्मीदवारों को ज्यादा वोट नहीं मिले थे. कांगड़ा-चंबा के सांसद शांता कुमार और हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर के गोद लिए गांवों में तो भाजपा उम्मीदवार कांग्रेस से पीछे ही रह गए थे.

मंडी से रामस्वरूप शर्मा और शिमला से वीरेंद्र कश्यप के गोद लिए गांवों में भी भाजपा प्रत्याशियों को कुछ खास वोट नहीं मिले थे. भाजपा प्रत्याशी को महज 67 और सात वोटों की लीड मिली थी. अब लगभग डेढ़ साल बाद लोकसभा चुनाव में बीजेपी सांसदों के गोद लिए गए इन गांवों में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में कितना मतदान होता है. इस पर सभी की नजर रहेगी.

हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर ने ऊना जिला के लोअर देहलां पंचायत को गोद लिया था. गांव के लोगों को उम्मीद थी कि उनके गांव का विकास होगा. गांव वालों के मुताबिक ऐसा नहीं हो सका. इसका साफ असर साल 2017 में हुए विधानसभा में देखने को मिला. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक देहलां पंचायत के तीन मतदान केंद्रों पर भाजपा को 733 और कांग्रेस को 937 वोट मिले थे.

कांगड़ा-चंबा लोकसभा सीट के सांसद शांता कुमार ने चंबा जिला के भटियात विधानसभा क्षेत्र का परछोड़ गांव को गोद लिया था. लेकिन इस गांव के लोगों ने भाजपा उम्मीदवार को सिर्फ 276 वोट ही दिए. जबकि, कांग्रेस कैंडिडेट को 413 वोट दिया.

राम स्वरूप ने मनाली विधानसभा का ओल्ड मनाली गांव आदर्श सांसद गांव योजना के तहत गोद लिया था. विस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी को इस मतदान केंद्र पर सिर्फ 67 वोट की बढ़त मिली थी. भाजपा को 543 और कांग्रेस को 467 वोट पड़े थे.

शिमला के सांसद वीरेंद्र कश्यप के दून विधानसभा क्षेत्र के जगजीत नगर से भाजपा को सिर्फ सात वोट की लीड मिल पाई थी. इस गांव के मतदान केंद्र में भाजपा प्रत्याशी को 239 और कांग्रेस को 232 वोट मिले थे.

सूबे में लोकसभा चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं. चुवाव को लेकर कैंडिडेट्स प्रचार भी कर रहे हैं. अब देखना खास होगा कि इस बार इन गोद लिए गए गांवों की जनता क्या रुख अपनाती है.

Last Updated : Apr 15, 2019, 4:26 PM IST

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