शिमलाः बर्ड फलू का कहर अब चार जिलों तक पहुंच गया है. कांगड़ा के अलावा बिलासपुर, सिरमौर और मंडी में कौवें मृत पाए गए हैं. पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ डॉ. अर्चना शर्मा के अनुसार अभी बाकी जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है. बाकी जिलों से कौवे और मुर्गियों के सैंपल जालंधर की प्रयोगशाला को भेज दिए हैं.
कांगडा के अलावा बाकी जिलों से प्रवासी पक्षियों में बर्ड फलू का मामला अभी सामने नहीं आया है. वन विभाग के अधिकारियों मुताबिक मंडी और पावंटा साहिब में मृत पाए गए कौवें बर्ड फलू से ही मरे हैं. ऐसी संभावना है कि केवल सैंपल की रिपोर्ट आना बाकि है.
मुर्गे-मुर्गियों में फिलहाल नहीं पाया गया बर्ड फलू
इसमें राहत की बात यह है कि प्रदेश में अभी मुर्गे-मुर्गियों में बर्ड फलू का कोई मामला सामने नहीं आया है. पशुपालन विभाग ने जिंदा मुर्गें जालंधर और भोपाल के प्रयोगशाओं को भेजे हैं. जिला सोलन के चक्की मोड़ पर तीन सौ के करीब मुर्गियां और चूजें नीचे नाले में फेंके हुए पाए गए थे.
पशुपालन विभाग ने इनके नमूने लेकर इन्हें दफना दिया था, लेकिन इनके सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है. पशु पालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार जालंधर लैब ने विभाग की ओर से भेजे नमूनों की जांच करने से इंकार कर दिया है. विभाग को बताया गया है कि हरियाणा से ज्यादा सैंपल आ रहे हैं. ऐसे में हिमाचल के नमूनों को भोपाल भेजने की सिफारिश की जा रही है. भोपाल भेजे गए सैम्पल की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है.
पौंग बांध क्षेत्र में अभी तक 3410 प्रवासी पक्षियों की मौत
उधर, घर्मशाला में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पौंग बांध क्षेत्र में अभी तक बर्ड फ्लू से 3410 प्रवासी पक्षियों की मौत हुई है और इन पक्षियों को पूरे प्रोटोकाॅल के साथ दफनाया जा रहा है, ताकि किसी भी स्तर पर संक्रमण का खतरा नहीं रहे.
उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग और वन्य प्राणी विभाग की 65 टीमें पौंग बांध के आसपास के क्षेत्रों की निगरानी कर रही हैं. बर्ड फ्लू की गंभीरता को देखते हुए पशुपालन विभाग द्वारा पोल्ट्री के सैंपल भी आरडीडीएल जालंधर को जांच के लिए भेजे गए हैं. उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करना भी जरूरी है और इसके लिए भी विभागीय अधिकारी जरूरी कदम उठाएं.
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