शिमला: जयराम कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. हिमाचल कैबिनेट ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अन्तर्गत महिलाओं व दिव्यांगों को मिलने वाले अनुदान को बढ़ाकर 35 प्रतिशत (Special class will get 35 percent grant) तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को मिलने वाले अनुदान को बढ़ाकर 30 प्रतिशत (Big decisions of Jairam cabinet) किया गया.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना (Mukhyamantri Swavalamban Yojana) के अन्तर्गत पिछले चार सालों में 3758 औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं, जिनमें 10253 लोगों को रोजगार मिला है व 623.92 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है. हिमाचल प्रदेश में चार साल में बैंको द्वारा 6429 इकाइयों को मंजूरी दी गई है. इन इकाइयों में 264.46 करोड़ रूपये का अनुदान सम्मिलित है. वर्ष 2021-22 के दौरान 3000 लक्ष्य रखा गया था. अभी तक 3042 इकाइयां बैंकों द्वारा स्वीकृति की चुकी हैं, जिनमें 6967 लोगों को रोजगार देना 542.02 करोड़ रुपये का निवेश व प्रस्तावित है.
उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक में उन्नत डायरी विकास परियोजना में राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में न्यूनतम 3 गाय या 3 भैसों की इकाई व राज्य के अन्य क्षेत्रों में न्यूनतम 5 गायों या 5 भैसों की इकाई को शामिल करने की स्वीकृति दे दी गई. इस गतिविधि के अंतर्गत पशुओं की खरीद पर अनुदान देने को भी मंजूरी दे दी गई. इसके अलावा यंत्रीकृत कृषि उपकरण, खेती के लिए उपयोग किए जाने वाले कंबाइन और हार्वेस्टर (ट्रैक्टर को छोड़कर) गतिविधियों को भी मंजूरी दे दी गई है. जल्द ही विभाग द्वारा इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी.
मोबाइल क्लीनिक प्रारम्भ करने को स्वीकृति:मुख्यमंत्री अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री मोबाइल क्लीनिक प्रारम्भ करने को स्वीकृति प्रदान की गई. दूर-दराज के सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं वालेे क्षेत्रों में यह मोबाइल क्लीनिक सामान्य प्रैक्टिशनर/विशेषज्ञ चिकित्सक के माध्यम से जांच, सलाह, औषध विधि एवं दवाइयां प्रदान करने, आधारभूत प्रयोगशाला सेवाएं, टीकाकरण सुविधा सहित अन्य सेवाएं उपलब्ध करवाएंगे. इससे ग्रामीण क्षेत्रों स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और दायरे को और सुदृढ़ किया जा सकेगा.
मंत्रिमण्डल ने वर्ष 2015-16 में नियुक्त पुलिस कांस्टेबल की श्रेणियों को 1 जनवरी, 2022 से लागू हिमाचल प्रदेश (संशोधित वेतनमान) नियम-2022 जो कि 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी हैं, के अन्तर्गत कॉन्स्टेबल को नोशनल आधार पर उच्च प्री रिवाइजड पे-बैंड और ग्रेड पे प्रदान करने का निर्णय लिया. कॉन्स्टेबल अब संबंधित फैक्टर में वेतन निर्धारण के लिए अपनी ऑप्शन दे सकेंगे और उसी के अनुसार संशोधित नियमों के अन्तर्गत उन्हें एरियर का भुगतान किया जाएगा.
मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना-2022 में संशोधन को स्वीकृति:मंत्रिमण्डल ने अधिक से अधिक पात्र श्रेणियों को योजना के अन्तर्गत लाने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना-2022 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की. महिला और दिव्यांग पात्र लाभार्थियों का अनुदान बढ़ाकर 35 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का अनुदान बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया. इसके अतिरिक्त उन्नत डेयरी विकास परियोजना के अन्तर्गत जनजातीय क्षेत्रों में भैंस की न्यूनतम इकाई को शामिल करने तथा राज्य के अन्य क्षेत्रों में पांच गाय/पांच भैंस की न्यूनतम इकाई शामिल करने को स्वीकृति प्रदान की गई. इस परियोजना के अन्तर्गत पशु खरीदने के लिए अनुदान प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया.
मंत्रिमण्डल ने लोक निर्माण विभाग में सड़कों के रख-रखाव और विभागीय कार्य के लिए 5000 वर्कर की भर्ती के लिए ड्राफ्ट पॉलिसी को स्वीकृति प्रदान की. इन वर्कर को 4500 रुपये मानदेय दिया जाएगा। मंत्रिमण्डल ने लाहौल-स्पीति जिला के उप-विकास खण्ड उदयपुर को विकास खण्ड में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया. मंत्रिमण्डल ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सुचारू संचालन के दृष्टिगत बोर्ड के अध्यक्ष, सदस्य सचिव, गैर सरकारी और अन्य सदस्यों को नामित/नियुक्त करने एवं अन्य सेवा नियमों केे विनियमन से सम्बन्धित दिशा-निर्देशों को स्वीकृति प्रदान की.
इश जिले में वृत्त के सृजन को स्वीकृति: मंत्रिमण्डल ने लोगों की सुविधा के दृष्टिगत मण्डी जिले की उप-तहसील मण्डप के अन्तर्गत बनेरड़ी में कानूनगो वृत्त के सृजन को अपनी स्वीकृति प्रदान की. मंत्रिमण्डल ने शिमला जिला के मोहाल भूठ को पटवार वृत भमनोली से निकालकर पटवार वृत्त बछुछ में शामिल करने को भी स्वीकृति प्रदान की. इसके साथ ही बैठक में कुल्लू जिला के खाराहल पटवार वृत के द्विभाजन/पुनर्गठन के उपरान्त दो नए पटवार वृत बनाने को भी स्वीकृति प्रदान की गई. यह नए पटवार वृत चिंजा और चन्सारी होंगे.
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