शिमला: ढाई सौ करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में रकम ट्रांसफर के बदले में बैंक अफसरों को भी चेक से रिश्वत दी जाती थी. सीबीआई की जांच के दौरान यह सामने आया. जांच में पता चला कि इलाहाबाद बैंक (अब इंडियन बैंक) में तत्कालीन बैंक मैनेजर को फर्जी संस्थानों की निदेशकों ने करीब डेढ़ लाख रुपये की घूस चेक के माध्यम से दी थी.
बैंक मैनेजर ने की निदेशकों की मदद
बैंक मैनेजर सोलन, हमीरपुर, पंचकुला और चंडीगढ़ में जहां भी रहा, छात्रवृत्ति घोटाले को अंजाम देने के लिए संस्थान के निदेशकों की मदद की. बड़ी संख्या में फर्जी खाते खोलकर उनसे करोड़ों की रकम कंपनी के एएसए मार्केटिंग सॉल्यूशन के नाम पर चले बैंक खाते में ट्रांसफर कराई. मामले में नाइलेट के नाम पर चल रहे फर्जी संस्थानों के निदेशकों ने बैंक के अफसरों के साथ मिलकर 29.80 करोड़ की रकम हड़पी.