शिमला:Bank strike in himachal: सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों के निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (United Forum of Bank Unions) द्वारा दो दिन की हड़ताल शुरू (Bank employees strike against privatization) कर दी है. गुरुवार को सभी बैंक कर्मचारियों ने बैंक का काम काज बंद कर उपायुक्त कार्यालय शिमला (bank employees strike in shimla) के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान बैंक कर्मचारियों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर (bank employees accuses PM Narendra Modi) नारेबाजी की.
शिमला में बैंक कर्मचारियों की हड़ताल, सरकार को दिया ये अल्टीमेटम - यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंको के निजीकरण के खिलाफ हैं और इसी के विरोध में बैंक कर्मचारी दो दिन की हड़ताल कर रहें हैं. इसी कड़ी में बैंक कर्मचारियों द्वारा गुरुवार को उपायुक्त कार्यालय शिमला (bank employees strike in shimla) के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया गया.
बैंक यूनियन के महासचिव नरेंद्र वर्मा ने कहा कि मोदी सरकार बैंकों को निजीकरण करने के लिए संसद में बिल लाई है और हम सभी इसका कड़ा विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले रेल निजीकरण किया फिर एयरलाइंस और अब बैंक का निजीकरण कर रही है. उनका कहा कि आज से बैंक कर्मचारियों द्वारा दो दिन की हड़ताल की जा रही हैं और अगर सरकार फिर भी नहीं मानती तो अनिश्चितकालीन हड़ताल (Bank employees against privatization) भी जा सकती है. यूनियन ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार बैंकों का निजीकरण कर पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने की साजिश रच रही है. सरकार के निजीकरण की मंशा के विरोध में बैंककर्मी दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयोजक नरेंद्र (Narendra, Convener of United Forum of Bank Unions) ने बताया कि हाल ही में केंद्र सरकार बैंकिंग रेगुलेशन बिल को शीतकालीन सत्र में लेकर आई है. जिससे सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से कम रह जायेगी. इसका साफ मतलब निजीकरण को बढ़ावा देना है. उन्होंने बताया कि देश की आर्थिकी को मजबूत करने में सरकारी बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. बैंकों का निजीकरण हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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