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बंद कमरे में सीएम और अनिल शर्मा के बीच चर्चा, मंडी के चुनाव में क्या होगा इसका असर

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बयान के बाद अब अनिल शर्मा के मंत्री बनने की संभावना खत्म हो गई है. हालांकि, उनका मान सम्मान बनाए रखने के लिए इसके समकक्ष कोई अन्य पद जरूर दिया जा सकता है. अब अनिल शर्मा क्या फैसला करते हैं यह तभी पता चलेगा, लेकिन भाजपा आलाकमान के हालिया निर्णयों को देखते हुए सुखराम परिवार की राह भाजपा में काफी कठिनाई भरी लग रही है.

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Published : Oct 18, 2021, 10:46 PM IST

शिमला: बंद कमरे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और मंडी सदर से विधायक अनिल शर्मा की चर्चा के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि अनिल शर्मा और सुखराम परिवार जल्द ही भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार उतर सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के बयान के बाद अब इसकी संभावनाएं खत्म होती नजर आ रही हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अनिल शर्मा को मंत्री बनाना संभव नहीं, लेकिन उनके मान-सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा. उधर, अनिल शर्मा के पुत्र आश्रय शर्मा ने भी कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह का प्रचार शुरू कर दिया है.


कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और अनिल शर्मा के बीच बंद कमरे में हुई चर्चा के बाद से कई प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं. जिसके बाद मंडी में चर्चा शुरू हुई कि अनिल शर्मा भाजपा के लिए तभी काम करना चाहते हैं, जब उन्हें दोबारा से मंत्री पद दिया जाए. इसके बाद एक पत्रकार वार्ता में जब मुख्यमंत्री से इस विषय में सवाल पूछा गया तो उन्होंने सीधे जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में मंत्रिमंडल में सभी पद भरे हुए हैं. किसी को मंत्री पद से हटाकर किसी अनिल शर्मा मंत्री बनाना संभव नहीं लग रहा है. साथ ही, उन्होंने कहा कि भाजपा इस बात का पूरा ख्याल रखेगी की अनिल शर्मा का मान सम्मान बना रहे. मुख्यमंत्री ने यह भी कह दिया कि वे अनिल शर्मा के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.

जयराम ठाकुर ने यह बयान देकर स्पष्ट कर दिया कि अनिल शर्मा को किसी भी सूरत में फिलहाल मंत्री तो नहीं बनाया जाएगा. हालांकि, उनका मान सम्मान बनाए रखने के लिए इसके समकक्ष कोई अन्य पद जरूर दिया जा सकता है. इसका इशारा जरूर कर गए. अब अनिल शर्मा क्या फैसला करते हैं यह तभी पता चलेगा, लेकिन भाजपा आलाकमान के हालिया निर्णयों को देखते हुए सुखराम परिवार की राह भाजपा में काफी कठिनाई भरी लग रही है.

सीएम से मुलाकात के बाद जब अनिल शर्मा कमरे से बाहर निकले थे तो उन्होंने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा था कि चुनावी बेला पर उनकी सीएम से मुलाकात हुई है. अनिल शर्मा ने बताया कि उन्होंने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि जो सदर की जनता तय करेगी, वह उसी का पालन करेंगे. वह जनता के बीच जा रहे हैं और उनकी नब्ज टटोल रहे हैं, जो जनता का आदेश होगा, उसकी पालना की जाएगी.


दरअसल, टिकट की दौड़ से बाहर होने के बाद आश्रय की कांग्रेस से नाराजगी चर्चा में रही. वरिष्ठ कांग्रेस नेता कौल सिंह ठाकुर और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर के खिलाफ आश्रय शर्मा खुलकर बयानबाजी करते रहे. इसके अलावा प्रतिभा सिंह का प्रचार भी नहीं किया. उनके अचानक प्रचार में निकलने के बाद अब अनिल शर्मा के कांग्रेस में आने के कयास भी तेज हो गए हैं. कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा भी अनिल के घर पर काफी समय तक रहे. इस दौरान उन्होंने अनिल शर्मा और आश्रय दोनों से काफी लंबी चर्चा की. इसके बाद अब सुखराम परिवार जल्द ही निर्णय ले सकता है.

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