शिमला: धोखाधड़ी के आरोपी अमिल मन्हास और उसकी पत्नी की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट ने 15 नवंबर तक टाल दी है. साथ ही न्यायाधीश अनूप चिटकारा ने अमिल मन्हास को देय राशि का भुगतान का सबूत देने के लिए बैंक स्टेटमेंट की कॉपी दिखाने को कहा है.
आरोपी को 17 अक्टूबर को मिली अंतरिम जमानत का समय कोर्ट ने 15 नवंबर तक बढ़ा दिया है और स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के साथ-साथ पूरा रिकॉर्ड पेश करने के आदेश भी दिए हैं. हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी को आरोपी से सुबह 10 बजे से 5 बजे के बीच ही पूछताछ कर जांच करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि अमिल मन्हास पर राज्य सतर्कता व भ्रष्टाचार निरोधक के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 471 और 34 व इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 61 के तहत 5 सितंबर को प्राथमिक मामला दर्ज किया गया था.
गौर रहे कि ऑडिट के दौरान पाया गया था कि शराब की फर्मों के लाइसेंस धारक रोहित कुमार द्वारा जमा किये गए ई चालान का सत्यापन नहीं हो पा रहा है. सत्यापन के लिए सौंपे गए ई चालान भी फर्जी पाए गए. जांच में पाया गया है कि अमिल मन्हास द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया.
एक्साइज विभाग के साथ शराब की 2 फर्मों द्वारा करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. इस मामले में एक्साइज विभाग ने विजिलेंस में मामला दर्ज करवाया था. मामले का खुलासा होने के बाद एक्साइज विभाग ने दोनों फर्मों को बकाया राशि जमा करवाने के लिए नोटिस भी जारी किए थे और एक्साइज विभाग ने अपने पास जमा एफडीआर चैक करवाई तो वो भी फर्जी पाई गई.
आबकारी व कराधान विभाग के अनुसार शराब की 2 फर्मों द्वारा विभाग के साथ 2.63 करोड रुपये की धोखाधड़ी की गई थी, जिसे लेकर विजिलेंस में शिकायत दर्ज की गई है. इसके अलावा अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि धोखाधड़ी के मामले में नामित आरोपी अमिल मन्हास जांच में शामिल हो रहा है, लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है.