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हिमाचल की बहादुर बेटी को सम्मान, सीएम ने ट्वीट कर दी बधाई

जिला कांगड़ा के पालमपुर की बेटी अलाइका ने पूरे देश में देवभूमि हिमाचल का नाम रोशन किया है. महज 13 साल की उम्र में अलाइका को  वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में अलाइका को सम्मानित किया.

alaika honored with gallantry award
हिमाचल की बहादुर बेटी को सम्मान

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Published : Jan 23, 2020, 8:01 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने बहादुर अलाइक को वीरता पुरस्कार मिलने पर खुशी जताई है. सीएम जयराम ने ट्वीट कर अलाइक को बधाई दी है. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के पालमपुर की बेटी अलाइका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 'राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार' प्रदान किया गया है, जो पूरे हिमाचल के लिए गर्व की बात है. देवभूमि की बहादुर बेटी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं.

सीएम जयराम का ट्वीट

जिला कांगड़ा के पालमपुर की बेटी अलाइका ने पूरे देश में देवभूमि हिमाचल का नाम रोशन किया है. महज 13 साल की उम्र में अलाइका को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में अलाइका को सम्मानित किया.

बुधवार को प्रधानमंत्री राष्‍ट्रीय बाल पुरस्‍कार 2020 का वितरण समारोह राष्ट्रपति भवन में किया गया. जिसमें कला, शिक्षा, खेल समेत तमाम क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया. इसी दौरान देश के 22 बहादुर बच्चों को वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 10 बहादुर बेटियों समेत कुल 22 बच्‍चों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया

प्रधानमंत्री राष्‍ट्रीय बाल पुरस्‍कार 2020 का वितरण समारोह

बता दें कि अलाइका को कार चालक और अपनों की जान बचाने के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिला है. अलाइका पालमपुर के कालू दी हट्टी की रहने वाली है. अलाइका 1 सितंबर, 2018 को कार से अपनी मां और दादा के साथ खैरा जा रही थी. रास्ते में ड्राइवर कार से नियंत्रण खो बैठा और कार पहाड़ी से 50 मीटर नीचे लुढ़क गई.

गनीमत रही कि कार पेड़ के साथ फंस गई. इसमें सवार सभी लोगों के साथ अलाइका को भी चोट आई थी, लेकिन अलाइका ने बहादुरी दिखाते हुए कार का दरवाजा खोला और सड़क तक पहुंची. यहां पर अलाइका ने दूसरी गाड़ियों को रोककर मदद मांगी. जिसके बाद कार में फंसे तीनों लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया था. अलाइका की मां का कहना है कि अगर उस दिन अलाइका ना होती तो आज हम लोग जिंदा नहीं होते.

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