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Lavanya suicide case: ABVP ने की लावण्या को न्याय दिलाने की मांग, मांगें पूरी होने तक आंदोलन रहेगा जारी

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Published : Feb 16, 2022, 5:24 PM IST

शिमला में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सरकार से आत्महत्या करने पर मजबूर हुई लावण्या को न्याय दिलाने की मांग की (ABVP PC IN SHIMLA) है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि लड़की को न्याय दिलाने के लिए विद्यार्थी परिषद पूरे देश भर में लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि केस की सीबीआई जांच के आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने दिए है और आशा करती है इस मामले में सीबीआई जल्द से जल्द कार्रवाई (ABVP PC ON LAVANYA) करेगी. जिससे जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में अन्य लोगों पर भी कार्रवाई होगी व इस तरीके के वातावरण पर नकेल कसेगी.

ABVP PC IN SHIMLA
शिमला में एबीवीपी की प्रेसवार्ता

शिमला:अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शिमला में प्रेसवार्ता का आयोजन (ABVP PC IN SHIMLA) किया. इस दौरान प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि 9 जनवरी 2022 को जिले के सेक्रेड हार्ट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में एक छात्रा लावण्या स्कूल प्रशासन द्वारा धर्मांतरण के लिए बनाए जा रहे दवाब से तंग आकर कीटनाशक का सेवन कर आत्महत्या की कोशिश करती है व 19 जनवरी को उसकी मृत्यु हो जाती है.

विशाल वर्मा ने कहा कि आत्महत्या करने पर मजबूर हुई लड़की को न्याय दिलाने की लड़ाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूरे देश भर के अंदर (ABVP PC ON LAVANYA) लड़ेगी. इसी के निमित्त जब 14 फरवरी को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता इस मामले के निमित्त मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे तो सरकार ने बर्बरता पूर्वक कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करते हुए कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया व सरकारी सेवकों पर हमला करने जैसी गैर जमानती धाराएं लगने का कार्य किया है ताकि उन्हें अधिक समय तक गिरफ्तार करके रखा जा सके. जिसको अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विरोध करती.

उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने किसी भी सरकारी अधिकारी को कोई हानि नहीं पहुंचाई है. किसी भी अधिकारी को कोई खरोच तक इस विरोध प्रदर्शन में नहीं आई (LAVANYA JUSTICE CASE) है. विशाल वर्मा ने कहां की अपने आप को धर्मनिरपेक्ष कहने वाली डीएमके पार्टी की सरकार लड़की के अंतिम ब्यान के बाबजूद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है व किस तरीके से ईसाई मिशनरियों के समर्थन में खड़ी है यह उनके छदम धर्मनिरपेक्षता को दर्शाता है.

तमिलनाडु की स्टालिन सरकार जिस तरीके से लड़की की आत्महत्या मामले में मद्रास उच्च न्यायालय के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती देते है और उसे घर के अंतर कलह का नाम देती ही वह यही दर्शाता है कि केवल हिंदू धर्म को कोसना और ईसाई मिशनरी को संरक्षण देने का काम डीएमके की धर्मनिरपेक्षता में आता है. कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता की पोल उस दिन ही खुल गई थी जब इस केस में गिरफ्तार हुई वार्डन की जमानत के बाद तमिलनाडु सरकार के विधायक उसका स्वागत करते हैं.

यह घटना स्पष्ट करती है कि डीएमके पार्टी के लिए धर्म निरपक्षता क्या है? अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तमिलनाडु सरकार के इस सांप्रदायिकरण के खिलाफ पूरे देश भर के अंदर आंदोलन करेगी. वही झूठी धाराएं लगाकर अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी सहित अन्य 33 कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग विद्यार्थी परिषद करती है. तमिलनाडु में किसी के लिए न्याय की मांग करने पर शांति पूर्व प्रदर्शन करने पर भी जेल में डाल दिया जाता है. ऐसी तानाशाह सरकार का विद्यार्थी परिषद पुरजोर विरोध करती है.

प्रान्त मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करती है जिसमें इस केस की सीबीआई जांच के आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने दिए है और आशा करती है इस मामले में सीबीआई जल्द से जल्द कार्रवाई करेगी. जिससे जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में अन्य लोगों पर भी कार्रवाई होगी व इस तरीके के वातावरण पर नकेल कसेगी.

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