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ABVP ने किया महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ किया धरना प्रदर्शन, जमकर हुई नारेबाजी - महाराष्ट्र सरकार के खिला प्रदर्शन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. विद्यार्थी परिषद ने महाराष्ट्र में रिपब्लिक भारत ग्रुप के एडिटर इन चीफ की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करार दिया है. इस तरह की कार्रवाई से महाराष्ट्र सरकार यह बता रही है कि उन्हें अपने खिलाफ बोलने वाले लोग पसंद नहीं हैं.

abvp protest near dc office against Maharashtra government
एबीवीपी का प्रदर्शन.

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Published : Nov 5, 2020, 3:50 PM IST

शिमला: महाराष्ट्र सरकार की ओर से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी मीडिया पर की आजादी पर हमला करने के विरोध में गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से एबीवीपी ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही प्रेस की आजादी पर किए गए इस हमले के खिलाफ अपना विरोध जताया. विद्यार्थी परिषद ने महाराष्ट्र में रिपब्लिक भारत ग्रुप के एडिटर इन चीफ की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करार दिया है. इस घटना का भी कड़ा विरोध किया.

एबीवीपी के प्रांत मंत्री राहुल राणा ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने प्रेस की आजादी पर हमला किया है. इसके पीछे की वजह यह है कि सरकार अपने खिलाफ कुछ नहीं सुनना चाहती इसलिए मीडिया को निशाना बनाया जा रहा है. अर्णब गोस्वामी ने महाराष्ट्र की सरकार के खिलाफ बोला जिसके बदले में महाराष्ट्र सरकार के इशारे पर सुबह के 6 बजे पुलिस ने उनके घर से गिरफ्तार किया.

वीडियो रिपोर्ट.

अपनी इस तरह की कार्रवाई से महाराष्ट्र सरकार यह बता रही है कि उन्हें अपने खिलाफ बोलने वाले लोग पसंद नहीं हैं. इसी तरह का बर्ताव उन लोगों के साथ करेंगे जो उनके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेगा.

एबीवीपी ने कहा कि अर्णब गोस्वामी को सरकार के खिलाफ बोलने की सजा भुगतनी पड़ रही है, लेकिन छात्र संगठन एबीवीपी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ खड़ा है और इस तरह के हमलों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेगा. इसके साथ ही एबीवीपी ने पत्रकार अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी बदले की भावना से की गई कार्रवाई करार दिया.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार जिस तरह से प्रतिशोध की राजनीति कर रही है वह लोकतांत्रिक मूल्यों के बिल्कुल खिलाफ है. मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है वहीं इस तरह से प्रतिशोध की भावना से गिरफ्तारी होना अभिव्यक्ति की आजादी पर गहरी चोट है. जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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