शिमला:हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है. पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है. मूल तौर पर पंचांग पांच अंगों से मिलकर बना होता है. ये पांच अंग- तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण हैं. आज दिनांक 1 अक्टूबर 2021, दिन शुक्रवार है. हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है. आज शुभ तिथि दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि रात्रि 11 बजकर 4 मिनट तक रहेगी.
दशमी श्राद्ध आज
मूल प्रारंभ: 01 अक्टूबर शुक्रवार की रात 02:58 से अश्लेषा नक्षत्र के 12 दिन के मूल प्रारंभ हो रहे हैं.
मूल समाप्ति: 03 अक्टूबर रविवार की रात 03:26 तक मूल रहेंगे उसके उपरांत मूल समाप्ति.
दशमी तिथि का महत्व : दशमी तिथि को विवाह आदि मांगलिक विवाह कार्य, गृह प्रवेश, यात्रा इत्यादि कार्य शुभ माने जाते हैं. दशमी तिथि में जन्मे जातक धनवान, बुद्धिवान और भाग्यवान होते हैं.
शुभ नक्षत्र (Nakshatra) :पुष्य 'शिप्र' संज्ञक नक्षत्र अंत रात्रि 2 बजकर 57 मिनट तक तत्पश्चात अश्लेषा नाम का नक्षत्र रहेगा. पुष्य नक्षत्र में विवाह को छोड़ कर समस्त चर-स्थिर कार्य, शांति, वास्तु, प्रतिष्ठा, जनेऊ इत्यादि कार्य सिद्ध होते हैं. पुष्य नक्षत्र को बहुत शुभ माना गया है. पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक सुन्दर, भागयशाली, प्रसिद्ध, कृपालु, नम्र स्वाभाव वाला, धनवान और बुद्धिमान होता है.
चन्द्रमा की स्थिति (Moon) : चन्द्रमा सम्पूर्ण दिन कर्क राशि में संचार करेगा.
व्रतोत्सव (Vratotsav) : दशमी तिथि का श्राद्ध
भद्रा: आज प्रातः10:41 से रात 11:03 तक भद्रा रहेगी.
नक्षत्र: पुष्य नक्षत्र रात 02:58 तक उसके उपरांत अश्लेषा नक्षत्र
राशि: कर्क राशि पूर्ण रात्रि तक
शुभ चौघड़िया मुहूर्त (दिन)
चर-सामान्य: प्रातः 06:10 से प्रातः 07:40 तक
लाभ: प्रातः 07:40 से प्रातः 09:09 तक