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सावधान! स्क्रब टाइफस से IGMC में एक युवती की मौत, यहां जानिए लक्षण और उपाय - Health Department

हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस से एक युवती की मौत हो गई है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने अलर्ट जारी कर सभी जिलों में जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं. आईजीएमसी में इस साल अब तक 90 से अधिक मरीज स्क्रब टाइफस से ग्रसित होकर पहुंचे हैं.

scrub typhus cases in himachal
स्क्रब टाइफस से आईजीएमसी में एक युवती की मौत

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Published : Sep 8, 2021, 7:10 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में खतरनाक स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) बीमारी ने दस्तक दे दी है. इससे आईजीएमसी में मंडी निवासी 19 साल की लड़की की मौत हो गई है. युवती स्क्रब टाइफस बीमारी से ग्रसित होने के बाद आईजीएमसी में दाखिल थी. हिमाचल में इस साल यह पहली मौत है.

वहीं, इस बार अभी तक प्रदेश में 200 अधिक स्क्रब के मामले सामने आ चुके हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि अभी कोरोना से मौतें व संक्रमितों का आना जारी है, लेकिन अब स्क्रब टाइफस ने लोगों की चिताएं बढ़ा दी हैं. डॉक्टरों का मानना है कि स्क्रब टाइफस पीछले साल की अपेक्षा इस बार काफी तेजी से फैल रहा है. अगर लोगों ने लापरवाही बरती तो स्क्रब टाइफस से काफी लोगों की जान जा सकती है.

बता दें कि प्रदेश में आए दिन कोरोना संक्रमण के मामले वृद्धि देखी जा रही है. इन दिनों 150 से अधिक रोजाना ही कोरोना के मामले आ रहे है. वहीं, अब स्क्रब टाइफस के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. प्रदेश में 15 जून से 15 अक्टूबर तक बरसात का मौसम रहता है. इस दौरान किसानों को अपने खेत में भी काम पर जाना पड़ता है अगर इस दौरान किसान सावधानी से काम नही करेंगे तो जानलेवा बीमारी स्क्रब टाइफस से ग्रस्त हो जाएंगे.

हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी की अगर बात की जाए तो इस साल अब तक 90 से अधिक मरीज स्क्रब टाइफस से ग्रसित होकर पहुंचे हैं. रोजाना आ रहे स्क्रब के मामलों के चलते स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के साथ इसे भी सर्तकता बरतने के निर्देश दिए हैं ताकि इन जानलेवा बीमारी से बचा जा सके. बरसात के दिनों में जल जनित बीमारियों भी अधिक फैलती हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सर्तक रहने की सलाह दी है. ध्यान रहे कि अगर घास काटने जाते हैं और उसके बाद कुछ लक्षण महसूस हो तो चिकित्सक को जरूर बताएं कि घाट काटने या बगीचे में गए थे. ताकि चिकित्सक समय से उसका इलाज कर सकें.

तीन सालों में यह रहा पॉजिटिव व मौतों का आंकड़ा:बीते तीन सालों में स्क्रब टाइफस के पाजिटिव मामले आने के साथ साथ मौतें भी हुई है. 2018 में हिमाचल में 1940 पॉजिटिव मरीज व 21 मरीजों की मौत हुई. वहीं, 2019 में 1597 पॉजिटिव मरीज व 14 लोगों की मौत हुई. इसके अलावा 2020 में 565 पॉजिटिव मरीज के साथ 6 लोगों की मौत और 2021 में अब तक 200 से अधिक लोग स्क्रब टाइफस से ग्रसित हुए हैं और अभी तक एक मौत हुई है.

ऐसे फैलता है स्क्रब टाइफस:स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाड़ियों और घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाड़ियों से दूर रहें, लेकिन किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है. इन दिनों खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टाइफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा रहती है. लोगों को जैसे ही कोई लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.

स्क्रब टाइफस के लक्षण:स्क्रब टाइफस होने पर मरीज को तेज बुखार की शिकायत होती है. 104 से 105 तक बुखार संभव है. जोड़ों में दर्द और कंपकपी ठंड के साथ बुखार शरीर में ऐंठन अकड़न या शरीर का टूटा हुआ लगना. अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजू, कमर के नीचे गिल्टी/गांठ होना आदि इसके लक्षण है.


स्क्रब टाइफस से बचने के उपाय: सफाई का विशेष ध्यान रखें. घर और आसपास के वातावरण को साफ रखें. घर और आसपास कीटनाशक दवा का छिड़काव करें. मरीजों को डॉक्सीसाइक्लिन और एजिथ्रोमाइसिन दवा दी जाती है. स्क्रब टाइफस शुरुआत में आम बुखार की तरह होता है, लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है. यही कारण है कि मरीजों की मौत हो जाती है.

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