शिमलाःशहर में पानी का जिम्मा जल निगम संभाल रहा है. निगम की ओर से पानी बर्बाद न हो इसके लिए घरों में पानी के मीटर लगाए गए हैं और मीटर रीडिंग के आधार पर ही लोगों को पानी के बिल दिए जा रहे हैं.
शहर में 32 हजार पानी के उपभोक्ता हैं और सभी के घरों में पानी के मीटर लगाए गए हैं, जिसमें 85 फीसदी मीटर सही से काम कर रहे हैं, जबकि 15 फीसदी मीटर खराब और टूटे हुए हैं. जल निगम मीटरों को ठीक करने का काम कर रहा है. जल निगम का दावा है कि पानी के मीटर अच्छी गुणवत्ता के हैं और मीटर लगाने से पहले तकनीकी विशेषज्ञ दल की ओर से लैब में प्रशिक्षण के बाद लगाए जा रहे हैं.
मीटर रीडिंग के आधार पर बिल दिए बिल
जल निगम हालांकि, पहले 8 महीने के बिल एक साथ दे रहा है. जो मीटर ठीक हैं वहां पर मीटर रीडिंग के आधार पर बिल दिए जा रहे हैं और जिन लोगों के मीटर खराब हैं उन लोगों को एवरेज बिल दिए जा रहे हैं. वहीं, जल निगम ने अब हर महीने पानी के बिल देने की कसरत शुरू की है.
अच्छी गुणवत्ता के लगाए गए हैं पानी के मीटर
हालांकि, पहले 19 हजार मीटर ही जल निगम को मिल पाए थे और अन्य मीटर ढूढने के लिए निगम ने जेई फील्ड में उतारे और सात हजार और मीटर ढूढ निकले हैं. अन्य मीटर ढूढने काम भी किया जा रहा है.
जल निगम के एजीएम गोपाल कृष्ण का कहना है कि शहर में अच्छी गुणवत्ता के पानी के मीटर लगाए गए हैं और लोगों को रीडिंग के आधार पर ही बिल दिए जा रहे हैं और पानी के मीटर शहर में सही से काम कर रहे हैं.
मीटर की छेड़छाड़ करने पर होगी कार्रवाई
उन्होंने कहा कि शहर में सर्दियों में पानी के मीटर फट जाते हैं और जो मीटर खराब हुए है. उन्हें बदलने का कार्य भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शहर में मीटर के साथ छेड़छाड़ के फिलहाल कोई मामले सामने नहीं आई है और यदि कोई छेड़छाड़ करता हैं, तो जल निगम उन पर कार्रवाई भी अमल में लाता है, लेकिन फिलहाल अभी तक इस तरह के कोई मामले सामने नहीं आए हैं.