शिमला: बरसात हर साल हिमाचल को गहरे जख्म दे रही है. इस साल भी बरसात में जहां 700 करोड़ का नुकसान हुआ है, वहीं अब तक 222 लोगों की मौत हो चुकी है. हिमाचल सरकार(Himachal Government) ने नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र को रिपोर्ट भेज दी है और जल्द मदद मिलने की आस लगाए बैठा है.
केंद्र सरकार(central government) से समय पर बरसात के चलते हो रहे नुकसान की भरपाई की मदद नहीं मिल सकी है, ऐसे में प्रदेश सरकार को अपने ही खजाने से ही भरपाई करनी पड़ रही है. हर साल राज्य सरकार की ओर से नुकसान की रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाती है, लेकिन मदद के नाम पर ज्यादा राशि नहीं मिल पाती.
सूखे और ओलावृष्टि से हिमाचल में किसान और बागवानी को भारी नुकसान हुआ है. राज्य सरकार की ओर से नुकसान पर संबंधित विभागों को क्रमश: पौने चार करोड़ और पांच करोड़ की राशि जारी की गई है. सूखे की स्थिति को देखते हुए जलशक्ति विभाग को 25 करोड़ रुपए जारी किए गए है. सूखे और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 645 करोड़ रुपए की राहत राशि जारी करने का आग्रह किया है. हालांकि, अभी तक यह राशि नहीं मिल पाई है.
हिमाचल प्रदेश को मानसून हर साल न भूलाए जाने वाले जख्म दे रहा है. राज्य में पिछले पांच सालों के दौरान मानसून की बौछारें करोड़ों रुपए का नुकसान कर चुकी है. बीते सालों के दौरान 1009 लोगों ने अपनी जानें गंवाई. प्रदेश में साल 2017 के दौरान मानसून सीजन में 75 लोगों की मौत हुई थी. 2018 में 343 लोगों ने अपनी जान गंवाई. राज्य में साल 2019 के दौरान भी मानूसन ने जमकर कहर बरपाया था. 2019 में राज्य के विभिन्न स्थानों पर आई आपदा सहित सड़क दुर्घटनाओं में 307 लोगों की मौत हुई थी. 2020 में 284 लोगों की मौतें हुई थी, जबकि मौजूदा मानसून सीजन के दौरान अभी तक 222 लोग मौत का ग्रास बन गए.