शिमला: हिमाचल प्रदेश उत्तरी भारत का पहला राज्य है, जिसने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए बाइक एंबुलेंस की सुविधा प्रदान की है. हिमाचल में यह प्रयोग इतना सफल रहा है कि मौके पर चिकित्सा सुविधा मिलने से 68 फीसदी लोगों को अस्पताल जाने की नौबत नहीं आई. यह सेवा पहाड़ में इतनी सफल रही है कि तीन साल की अवधि में ही 12 लाख के करीब लोगों ने कॉल करके चिकित्सा सहायता ली है.
बाइक एंबुलेंस का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें ट्रैफिक जाम भी बाधा नहीं बनता है. जिन मरीजों को तत्काल प्राथमिक चिकित्सा देने से राहत आ जाए, उनके लिए यह वरदान साबित हुई है. हिमाचल में सफल हुए इस प्रयोग के बाद नॉर्थ ईस्ट के राज्यों सहित पड़ोसी उत्तराखंड व जम्मू कश्मीर भी इसका अध्ययन कर अपने यहां बाइक एंबुलेंस मॉडल को लागू करेगा. हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल के अनुसार पहाड़ी राज्यों के लिए बाइक एंबुलेंस त्वरित चिकित्सा उपलब्ध करवाने का सबसे बढ़िया जरिया है. इसे प्रदेश के दुर्गम इलाकों तक विस्तारित किया जाएगा. शिमला में 9 स्थान ऐसे चिन्हित किए हैं जहां से मरीजों को आसानी से बाइक एंबुलेंस की सुविधा मिल सके.
उल्लेखनीय है कि तीन साल पहले शिमला से इस एंबुलेंस की शुरुआत की गई. शुरुआत में इसे शिमला शहर में चलाया गया देश में तमिलनाडु, कर्नाटक व गोवा के बाद हिमाचल चौथा राज्य है. जिसने यह सुविधा शुरू की है वहीं उत्तरी भारत का यह पहला राज्य है शिमला के बाद यह सुविधा मंडी व धर्मशाला में आरंभ की गई है. बाइक एंबुलेंस में ऑक्सीजन की सुविधा भी है. साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए आपात स्थिति में प्रसव करवाने के लिए आवश्यक किट भी मौजूद रहती है. शुरुआत में अकेले शिमला शहर में ही 2165 मरीजों ने बाइक एंबुलेंस का लाभ उठाया.
इस सेवा का लाभ उठाने वाले संजौली के शनान इलाके के महेश कुमार ने बताया कि अक्टूबर महीने में अचानक रात के समय उसे पेट में दर्द हुई. सामान्य पेन कीलर लेने पर भी जब दर्द ना रुकी तो बाइक एंबुलेंस के लिए 108 पर कॉल किया. 15 मिनट के भीतर बाइक एंबुलेंस पहुंच गई. एंबुलेंस राइडर ने तुरंत उपचार देकर दर्द से राहत दिलाई. इंजेक्शन लगने से उनकी तबीयत सामान्य हो गई बाद में डॉक्टर से बात करके चिकित्सा परामर्श लेकर अस्पताल गए.
हिमाचल में यह सुविधा इसलिए कारगर साबित हो रही है क्योंकि यहां पहाड़ी रास्तों पर कई जगह एंबुलेंस रोड भी नहीं बने हैं. ऐसे में किसी व्यक्ति को माइनर हार्ट अटैक या पेट में अचानक दर्द या किडनी स्टोन की दिक्कत हो तो मौके पर ही प्राथमिक उपचार मिलने से कीमती जान बचाई जा सकती है. हिमाचल में चल रही इस सेवा के तहत 41 प्रकार की दवाएं, इंजेक्शन व उपकरण एंबुलेंस में मौजूद रहते हैं. इसके अलावा प्राथमिक उपचार से संबंधित सामान उपलब्ध होता है. इसमें तैनात कर्मचारी 108 आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र से निर्देश प्राप्त करने पर घटनास्थल पर पहुंचता है और अस्पताल से पूर्व की स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करता है. मरीज की स्थिति के आधार पर चार पहिया एंबुलेंस में इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियन को सूचित करता है, यदि आवश्यक हो तो रोगी को नजदीकी अस्पताल में पहुंचाया जाता है.