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प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में सुधरेगा शिक्षा का स्तर, फिर से होंगी 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं - 5वीं और 8वीं की बोर्ड परिक्षाएं

शिक्षा मंत्री का कहना है कि अगर किसी को बिना किसी तय लक्ष्य के कोई काम दिया जाता है तो उसे कोई मन से नहीं करता है, उसी तरह अगर बच्चे के सामने कोई लक्ष्य ही नहीं है उसे पता है कि मुझे अगली बार दूसरी क्लास में बैठा दिया जाएगा जिसके चलते वो शिक्षा की ओर कोई ध्यान नहीं देता है.

5th and 8th board exams will conducted in Himachal

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Published : Jun 27, 2019, 5:42 PM IST

Updated : Jun 27, 2019, 6:08 PM IST

शिमला: प्रदेश में प्राइमरी शिक्षा के गिरते स्तर के लिए शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने नो-डिटेंशन पॉलिसी को कारण बताया है. शिक्षा मंत्री का कहना है कि प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा को सबसे बड़ा नुकसान इस पॉलिसी से हुआ है जिसमें छात्रों को फेल नहीं किया जाता था.

उन्होंने कहा कि अगर किसी को बिना किसी तय लक्ष्य के कोई काम दिया जाता है तो उसे कोई मन से नहीं करता है, उसी तरह अगर बच्चे के सामने कोई लक्ष्य ही नहीं है उसे पता है कि मुझे अगली बार दूसरी क्लास में बैठा दिया जाएगा जिसके चलते वो शिक्षा की ओर कोई ध्यान नहीं देता है.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसी वजह से जब यह छात्र आगे कक्षाओं में जाते हैं तो यह उतीर्ण नहीं हो पाते हैं. जिसकी वजह से परिणाम खराब होता है. उन्होंने कहा कि अब इसी पैटर्न में बदलाव कर शिक्षा के स्तर में सुधार किया जाएगा. प्रदेश के स्कूलों में अब बच्चों को बिना पास हुए आगे नहीं किया जाएगा, पाचवीं और आठवीं की बोर्ड की परीक्षाएं होंगी.

प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में सुधरेगा शिक्षा का स्तर.

भारद्वाज ने कहा कि ऐसे में अगर छात्र फेल होते हैं तो उन्हें दो माह बाद फिर से परीक्षा का मौका दिया जाएगा. इस परीक्षा में भी अगर छात्र फेल हो जाते हैं तो उन्हें पिछली क्लास में ही बैठाया जाएगा. इस तरह की पहल से भी अब शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और छात्रों के लर्निंग आउटकम में भी सुधार होगा.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्राइमरी में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की गई है जिसमें पिछले वर्ष 3,391 और इस वर्ष 350 स्कूलों में इसे शुरू किया गया है. इसके साथ ही शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के लिए डाइट को सुदृढ़ किया जा रहा है. प्राइमरी स्कूलों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर दिया जा रहा है जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके.

बता दें कि लर्निंग आउटकम प्लान से भी शिक्षा विभाग ऊपर नहीं उठा पाया है. बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष लर्निंग आउटकम कुल दो फीसदी ही बढ़ पाया है. हालांकि केंद्र से भी अब लर्निंग आउटकम को बढ़ाने पर ही कार्य किया जा रहा है तो इसके लिए शिक्षा विभाग भी कई प्लान बना रहा है, लेकिन यह सफल होते नजर नहीं आ रहे हैं.

Last Updated : Jun 27, 2019, 6:08 PM IST

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