शिमला:प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में सरकार द्वारा करवाए जा रहे फ्री टेस्ट के कारण लोगों को काफी फायदा मिल रहा (Free Test In IGMC Lab) है. बता दें, अस्पताल में 1 अप्रैल 2021 से लेकर 31 मार्च 2022 तक करीब 40 लाख 50 हजार टेस्ट किए गए. इन सभी टेस्टों पर करीब 1 करोड़ रुपए का खर्च किया गया.वहीं, अगर यह सभी टेस्ट एसआरएल या अन्य किसी निजी लैब में करवाए जाते तो इनका खर्च करीब 3 करोड़, 3 लाख 80 हजार रुपए होता. यह बात अस्पताल के एमएस डॉ. जनक राज ने कही.
निःशुल्क टेस्ट से लोगों को मिला लाभ: उन्होंने कहा कि अस्पताल में 25 लाख टेस्ट सरकार के द्वारा प्रदान की जा रही फ्री टेस्टिंग प्रक्रिया के तहत किए गए है. उन्होंने बताया कि इमरजेंसी लैब की सुविधा न होने के कारण यह 40 लाख 50 हजार टेस्ट यदि अस्पताल प्रशासन निजी लैब से करवाता तो प्रशासन को 2 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ता. अस्पताल में इमरजेंसी टेस्टिंग की सुविधा मरीजों को तो लाभ पहुंच रही है. वहीं सरकार को भी सीधे तौर पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ से बचाया जा रहा है.
IGMC में 56 प्रकार के टेस्ट निःशुल्क: अस्पताल प्रबंधन की ओर से सरकार के दिशा निर्देशों के तहत आईजीएमसी में 56 प्रकार के टेस्ट मुफ्त करवाए जा रहे (56 free test in igmc) हैं. वहीं टेस्ट की यह संख्या बढ़ कर जल्द ही 113 होने वाली है. उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला में हमेशा से एक अच्छी और विश्वसनीय 24 घंटे चलने वाली प्रयोगशाला की आवश्यकता महसूस होती थी. राज्य के प्रत्येक कोने से इस संस्थान में आने वाले रोगियों के प्रबंधन और चिकित्सकों की जरूरतों और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, सभी डाइयग्नास्टिक क्षमताओं वाले अत्याधुनिक परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना पिछले साल मुख्यमंत्री ने 30 मई 2021 के दिन की थी, हालांकि यह लैब पिछले साल अप्रेल माह से संचालित की गई.