शिमला: सरकार किसी की भी हो, हिमाचल प्रदेश में माननीयों का सिक्का चलता है. सदन में बेशक सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक एक-दूसरे को जमकर कोसते हों, लेकिन अपने निजी लाभ के लिए पक्ष और विपक्ष एक हो जाते हैं. इसका उदाहरण उस समय भी मिला था, जब वीरभद्र सिंह सरकार ने माननीयों का वेतन बढ़ाया था. तब विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों ने सत्ताधारी दल कांग्रेस के सदस्यों से अधिक जोर से मेजें थपथपाई थीं. खैर, इस बार मामला विधानसभा परिसर शिमला में दो-दो फ्लैट रखने को लेकर लगी पैनल्टी माफ करवाने का था. पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने मिलकर सरकार से पैनल्टी के 1.80 करोड़ रुपए माफ करवा लिए. ये लाभ लेने वालों में कुछ पूर्व विधायक भी हैं. कैबिनेट ने इस पैनल्टी को माफ करने संबंधी सहमति दे दी है. (MLA got penalty of crores waived in Himachal)
दरअसल, कंपट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (Comptroller and Auditor General of India) यानी कैग की रिपोर्ट में ये दर्ज किया गया था कि शिमला स्थित विधानसभा परिसर में एक विधायक को दो-दो फ्लैट आवंटित करने का फैसला गलत है. विधानसभा अध्यक्ष ने ये फ्लैट आवंटित किए थे. पहले विधायक को एक फ्लैट मिलता था. कैग ने अपनी रिपोर्ट में इसे लेकर ऑडिट पैरा लगा दिया था. कैग की टिप्पणी के बाद पहले तो विधानसभा सचिवालय ने इस मामले को सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन कोई उचित पहलू नहीं मिल रहा था.
उल्लेखनीय है कि स्पीकर असेंबली वरिष्ठ विधायकों को एक के बजाय आमने-सामने के दो फ्लैट आवंटित करते रहे हैं. ये पूर्व में कांग्रेस सरकार के समय भी देखने में आया था. उस समय तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल ने आवंटन किया था. इस बार सरकार में स्पीकर विपिन सिंह परमार ने भी इसी तरह सरकारी फ्लैट्स की अलॉटमेंट की. विधानसभा की एमिनिटी कमेटी के रिकॉर्ड के अनुसार ऐसे कुछ मामले वर्ष 2013-14 व अधिकांश मामले 2017 के बाद वाले हैं. ये डबल फ्लैट भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के विधायकों को दिए गए हैं. (Amity Committee of Himachal Vidhan Assembly)
करीब 53 विधायकों को की गई इस तरह की अलॉटमेंट को अनाधिकृत बताते हुए कैग ने इनसे किराया वसूली के लिए कहा था. इसके लिए डायरेक्टोरेट एस्टेट यानी संपदा निदेशालय ने पैनल रेंट भी जोड़ लिया था. ये रकम 1.80 करोड़ रुपए बनी थी. इसमें निदेशालय ने डैमेज चार्जेज भी लगा दिए गए थे. शिमला में विधानसभा परिसर में विधायकों को फ्लैट दिए जाते हैं. इन आलीशान फ्लैट के लिए माननीयों को केवल 1500 रुपए प्रति फ्लैट किराया चुकाना होता है. कैग की रिपोर्ट में विधानसभा के नियमों के दायरे में आपत्ति यह लगाई कि एक विधायक को दो फ्लैट नहीं दिए जा सकते. फिलहाल, मामला सुलझा गया है और 53 माननीयों को अब 1.80 करोड़ रुपए की पैनल्टी नहीं देनी होगी. (MLA in Himachal)
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