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मार्च तक हिमाचल में 5 लाख मजदूरों को पंजीकृत करने का लक्ष्य, ऑनलाइन पोर्टल पर भी करवा सकते हैं पंजीकरण - etv bharat himachal pradesh

हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड ने मार्च तक 5 लाख मजदूरों को पंजीकृत करने का लक्ष्य (laborers will be registered in Himachal ) रखा है. हिमाचल कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 13 स्थानों पर बोर्ड के कार्यालय खोले गए हैं. अभी साढ़े 3 लाख पंजीकृत मजदूर हैं मार्च तक 5 लाख मजदूरों को पंजीकृत करने का लक्ष्य है.

laborers will be registered in Himachal
हिमाचल में मार्च तक 5 लाख मजदूरों को पंजीकृत करने का लक्ष्य

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Published : Jan 4, 2022, 3:57 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड (Chairman of Himachal Workers Welfare Board) ने मजदूरों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई हैं. प्रदेश के मजदूरों के पंजीकरण के लिए बोर्ड विशेष अभियान चला रहा है जिसके अंतर्गत मार्च तक पांच लाख मजदूरों को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है. कामगार बोर्ड (Workers Board in Shimla) के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान इसकी जानकारी दी.

हिमाचल कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने बताया कि जयराम सरकार ने प्रदेश के असंगठित मजदूरों के लिए योजनाओं की संख्या को बढ़ाकर 6 से 13 किया है. वहीं, प्रदेश में 13 स्थानों पर बोर्ड के कार्यालय खोले गए हैं. अभी साढ़े 3 लाख पंजीकृत मजदूर हैं मार्च तक 5 लाख मजदूरों को पंजीकृत (laborers will be registered in Himachal ) करने का लक्ष्य है. ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी पंजीकरण किया जा सकता है. मजदूरों के बच्चों की शादी के लिए, शिक्षा, चिकित्सा, बेटी के जन्म पर उपहार योजना जैसे अनेक लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर की सरकार सभी वर्गों को लाभ पहुंचाया जा रहा है. उनके नेतृत्व में प्रदेश में मिशन रिपीट होगा.

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राकेश शर्मा ने कहा कि जो मजदूर मनरेगा (MGNREGA laborers in Himachal) में देरी से आए हैं और उससे पहले कहीं और काम करते थे तो वहां से लिखवा कर लाए तो उनका मनरेगा में वह काम भी जोड़ दिया जाएगा जिससे उनका 90 दिन का कार्य पूरा हो सके. उन्होंने कहा कि मजदूरों के बच्चों को पढ़ाने के भी बोर्ड कार्य कर रहा है और मजदूरों के बच्चों को पढ़ाया भी जा रहा है.

राकेश शर्मा ने बताया कि बोर्ड खुद फील्ड में जाकर यह चेक करते हैं कि किसी को भी कम वेतन न दिया जाए और जहां कम दिया जाता है, वहां निर्देश दिए जाते हैं कि निर्धारित वेतन दिया जाए जिससे कि मजदूरों को कोई परेशानी न उठानी पड़े. उन्होंने कहा कि अभी उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है, जिसमें किसी मजदूर ने कम वेतन देने की शिकायत की हो. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि इस तरह की शिकायत आती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई करेंगे.

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