शिमला:हिमाचल प्रदेश में तमाम प्रयासों के बाद भी कैंसर के मरीजों में कमी नहीं आ रही है. बीमारियों से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण भी कैंसर है. प्रदेश में पुरुषों में लंग कैंसर तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) अधिक हो रहा है. चिकित्सकों को मानना है कि हिमाचल में 40 साल से नीचे वाली 30 प्रतिशत महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हो रही हैं. एक साल के अंदर 650 के करीब ब्रेस्ट कैंसर के मरीज आ जाते हैं, जो कि एक चिंता का विषय है.
ब्रेस्ट कैंसर होने का मुख्य कारण जब किसी महिला के स्तन की कोशिकाओं का विकास असामान्य रूप से हो जाता है, तो यह स्तन कैंसर का कारण बन सकता है. कुछ महिलाओं में स्तन कैंसर का कारण उनके शरीर में होने वाले हार्मोन में बदलाव हो सकते हैं. वहीं, स्तन कैंसर का प्रमुख करण जीवन शैली का अनियमित होना, जिसका वजन बहुत अधिक होता है, उसमें स्तन कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है. अधिक वजन बल्ड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है.
जो महिला अधिक मात्रा में कैलोरी (calories) का सेवन करती हैं, उन्हें भी कैंसर हो सकता है. इसके अलावा तंबाकू का सेवन करना और दूषित वातावरण के कारण भी मरीज कैंसर के अधिक शिकार हो रहे हैं. हिमाचल की अगर बात की जाए तो यहां पर पुरुष और महिलाएं प्रति वर्ष 5 हजार के करीब कैंसर की चपेट में आ रहे हैं. कैंसर से बचने के लिए लोगों को सबसे पहले तंबाकू का सेवन कम करना होगा, क्योंकि अस्पताल में पूरे प्रदेश से तंबाकू का सेवन करने वाले मरीज ही भर्ती हो रहे हैं.
यहां तक की लंग कैंसर के मरीज की जान को आसानी से भी नहीं बचाया जा सकता है. कैंसर से निपटने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं, लेकिन लोगों को खुद भी इस बीमारी से बचकर रहना होगा. महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर भी कई प्रकार के होते हैं. लोगों को कैंसर होने पर घबराने की जरूरत नहीं है. आईजीएमसी शिमला में सभी प्रकार के कैंसर का उपचार हो रहा है. चिकित्सकों का कहना है कि सभी मरीजों का अच्छे से उपचार किया जा रहा है. लोगों को समय से अस्पताल में आना चाहिए और अपना उपचार शुरू करना चाहिए.