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सेब सीजन के शुरुआती दौर में मिल रहे दामों से बागवान संतुष्ट, पेटी-कार्टन के दामों ने बढ़ाई मुश्किलें

हिमाचल में सेब सीजन (Apple Season in Himachal) इन दिनों गति पकड़ रहा है. इन दिनों फल मंडियों में बागवानों को रॉयल सेब के 2300 रुपये और स्पर (हाफ) 1600 रुपये तक बिक रहा है, जिससे वे काफी संतुष्ट हैं. लेकिन जिस तरह से सेब पैकिंग तक कार्यों के दाम बढ़े हैं उससे लागत काफी ज्यादा बढ़ गई है. ऐसे में आने वाले समय में यदि सेब के दाम गिरते हैं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है.

apples in fruit market shimla
मंडी में सेब.

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Published : Jul 12, 2022, 5:00 PM IST

शिमला: हिमाचल में सेब सीजन (Apple production in Himachal) की शुरुआती दौर में मिल रहे दामों से बागवान संतुष्ट नजर आ रहे हैं. बागवानों को रॉयल सेब के 2300 रुपये (Royal apples at fruit market in Shimla) और स्पर (हाफ) 1600 रुपये तक बिक रहा है, लेकिन पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली पेटी और कार्टन के बढ़े हुए दामों ने बागवानों की चिंता बढ़ा दी है.

सेब की पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली खाली पेटी और ट्रे के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई है. इन दामों में बढ़ोतरी होने की वजह से बागवानों की लागत में इजाफा हो गया है. इन दिनों शिमला के निचली ऊंचाई वाले इलाकों की अर्ली सेब की वैरायटी मार्केट में उतरी है. ऐसे में फिलहाल तो सेब के अच्छे दाम (apples in fruit market shimla) मिल रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में जब मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों का सेब बाजार में उतरेगा, तो सेब के दामों में कटौती देखने के लिए मिल सकती है.

फल मंडी में सेब के अच्छे दाम मिलने से बागवान खुश.

ऐसे में बागवानों को यह चिंता सता रही है कि सेब उत्पादन में लगने वाली लागत भी पूरी हो सकेगी या नहीं. शिमला फल मंडी (Shimla Fruit Market) में हर रोज करसोग और निचले क्षेत्रों के से पहुंच रहे हैं. मंगलवार को भी मंडी में काफी सेब की पेटियां पहुंचे और बागवानों को सेब के अच्छे दाम मिल रहे हैं.

मंडी में सेब.

भट्टाकुफर फल मंडी (Bhattakufar Fruit Market) के आढ़ती कुलवीर का कहना है कि रॉयल स्पर ओर गोल्डन सेब मंडी में आ रहा है और सेब के अच्छे दाम मिल रहे हैं, लेकिन कुछ बागवान अच्छे काम मिलने के चलते कच्चे सेब भी मंडी में ला रहे हैं जिससे उन्हें कम दाम मिल रहे हैं. उन्होंने बागवानों से भी अपील की कि वे कच्चे सेब न लाएं. बागवानों का कहना है कि अभी फिलहाल सेब के काफी अच्छे दाम मिल रहे हैं, लेकिन जिस तरह से कार्यं के दाम बढ़े हैं उससे लागत काफी ज्यादा बढ़ गई है. ऐसे में आने वाले समय में यदि सेब के दाम गिरते हैं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है.

फल मंडी में सेब.

बता दें कि सेब की पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली पेटी और ट्रे के साथ खाद के दामों में भी इजाफा किया गया है. खाद में सरकार की ओर से 18 फीसदी तक के जीएसटी लिया जा रहा है. बीते कुछ सालों के मुकाबले मौजूदा सीजन में यह बढ़ोतरी सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि बागवानों को अपनी साल भर की मेहनत पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है.

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