शिमला: राजधानी शिमला में इन दिनों आवारा कुत्ताें का आतंक बढ़ता जा रहा है. राेजाना आईजीएमसी और डीडीयू में आवारा कुत्ताें के काटने के 10 से 15 मरीज पहुंच रहे हैं, जबकि चार से पांच मरीज बंदराें के काटने के भी आ रहे हैं. इसमें कुत्ते के काटने के मरीज विकासनगर, कसुम्पटी, खलीणी और संजाैली एरिया से पहुंच रहे हैं, जबकि बंदराें के काटने के मामले जाखू, टुटू, काॅमली बैंक, मालराेड, रिज और लक्कड़ बाजार से आ रहे हैं.
आईजीएमसी में ही बीते माह कुत्ते और बंदराें के काटने से करीब 195 लाेग पहुंचे. इसमें शहर के विभिन्न एरिया से लाेग इंजेक्शन लगवाने आए हैं. शहर में बंदराें काे पकड़ने के लिए वन विभाग समय-समय पर पिंजरे लगाता था. इन बंदराें काे नसबंदी के बाद ग्रामीण एरिया में छाेड़ा जाता था. मगर अब वन विभाग ने बंदराें काे पकड़ना बंद कर दिया है. बीते काफी समय से बंदराें काे पकड़ा नहीं गया है. इससे जाखू एरिया में ताे बंदराें का आतंक बढ़ता जा रहा है.
हालांकि, करीब तीन साल पहले बंदराें काे वर्मिन घाेषित किया गया था. मगर उस समय ना ताे नगर निगम और सरकार ने बंदराें काे मारने के लिए शूटराें की तैनाती की और ना ही इनके लिए काेई अन्य ठाेस प्लान तैयार किया. इसको लेकर नागरिक सभा ने भी कई बार निगम से बंदराें के लिए काेई प्लान बनाने काे लेकर मेयर से मुलाकात की थी, मगर उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ.