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राजधानी शिमला में बढ़ा आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक, 1 महीने में 195 लोग हुए शिकार

इन दिनों हिमाचल की राजधानी शिमला में आवारा कुत्तों और बंदरों का आंतक बढ़ गया है. रोजाना आईजीएमसी और डीडीयू में आवारा कुत्तों और बंदरों के काटने पर 10 से 15 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. बीते एक माह में 195 मरीज इलाज के लिए आईजीएमसी पहुंचे थे.

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Published : Oct 5, 2021, 6:41 PM IST

Updated : Oct 5, 2021, 7:53 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला में इन दिनों आवारा कुत्ताें का आतंक बढ़ता जा रहा है. राेजाना आईजीएमसी और डीडीयू में आवारा कुत्ताें के काटने के 10 से 15 मरीज पहुंच रहे हैं, जबकि चार से पांच मरीज बंदराें के काटने के भी आ रहे हैं. इसमें कुत्ते के काटने के मरीज विकासनगर, कसुम्पटी, खलीणी और संजाैली एरिया से पहुंच रहे हैं, जबकि बंदराें के काटने के मामले जाखू, टुटू, काॅमली बैंक, मालराेड, रिज और लक्कड़ बाजार से आ रहे हैं.

आईजीएमसी में ही बीते माह कुत्ते और बंदराें के काटने से करीब 195 लाेग पहुंचे. इसमें शहर के विभिन्न एरिया से लाेग इंजेक्शन लगवाने आए हैं. शहर में बंदराें काे पकड़ने के लिए वन विभाग समय-समय पर पिंजरे लगाता था. इन बंदराें काे नसबंदी के बाद ग्रामीण एरिया में छाेड़ा जाता था. मगर अब वन विभाग ने बंदराें काे पकड़ना बंद कर दिया है. बीते काफी समय से बंदराें काे पकड़ा नहीं गया है. इससे जाखू एरिया में ताे बंदराें का आतंक बढ़ता जा रहा है.

हालांकि, करीब तीन साल पहले बंदराें काे वर्मिन घाेषित किया गया था. मगर उस समय ना ताे नगर निगम और सरकार ने बंदराें काे मारने के लिए शूटराें की तैनाती की और ना ही इनके लिए काेई अन्य ठाेस प्लान तैयार किया. इसको लेकर नागरिक सभा ने भी कई बार निगम से बंदराें के लिए काेई प्लान बनाने काे लेकर मेयर से मुलाकात की थी, मगर उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ.

आपको बता दें कि बीते वर्ष संजाैली स्कूल के छात्र रितिक पर बंदराें ने हमला कर दिया था. जिससे वह गिर गया था. उसे हेड इंजरी हुई थी. करीब एक सप्ताह तक युवक काेमा में रहा था, जबकि लाेअर बाजार में कुछ साल पहले महिला बंदराें के डर से छत से गिर गई थी, जिसके बाद महिला की माैत हाे गई थी. हालांकि, उस दाैरान लाेगाें ने प्रशासन पर बंदराें काे पकड़वाने के लिए काफी दवाब बनाया था, मगर कुछ दिन में यह मामला भी ठंडा हाे गया और सरकार भी माैन हाे गई. अब दाेबारा से कुत्ताें और बंदराें का आतंक शहर में फैल रहा है. ऐसे में सरकार और निगम काे इनके लिए काेई ठाेस प्लान तैयार करना हाेगा.

आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डाॅ. राहुल गुप्ता का कहना है कि शहर में डाॅग और मंकी बाइट के मरीज इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं. बीते दाे माह से मरीज बढ़े हैं. राेजाना 15 से ज्यादा मरीज यहां पर इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं. मंगलवार काे भी शाम चार बजे तक 14 लाेग इंजेक्शन लगवा चुके थे. अस्पताल में बंदरों व कुत्तों के काटने पर नि:शुल्क इंजेक्शन लगाए जाते हैं.

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Last Updated : Oct 5, 2021, 7:53 PM IST

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