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PTA-PARA शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत - 15 thousands temporary teachers

प्रदेश के 15 हजार शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने इन शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया है और 15 हजार पीटीए, पैट ओर पैरा शिक्षकों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं रद्द कर दी हैं.

15 thousands temporary teachers have got big relief from supreme court
प्रदेश के 15 हजार शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता साफ

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Published : Apr 17, 2020, 5:19 PM IST


शिमलाः बीते कई सालों से नियमितीकरण की राह देख रहे प्रदेश के 15 हजार शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने इन शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया है और 15 हजार पीटीए, पैट ओर पैरा शिक्षकों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं रद्द कर दी हैं.

सुप्रीम कोर्ट की और 9 दिसंबर 2014 को मामले पर हिमाचल हाईकोर्ट की और से दिए गए फैसले को ही बरकरार रखा गया है. जिसमें 9 दिसंबर 2014 को हिमाचल हाईकोर्ट ने अस्थाई शिक्षकों के हक में फैसला सुनाते हुए सभी पीटीए, पैरा,पैट शिक्षकों को प्रदेश सरकार की ओर से दिसंबर 2014 में नियमित किए गए पैरा टीचर्स की तर्ज पर ही नियमित करने के आदेश जारी किए थे.

वीडियो रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस केस पर फैसला सुनाया है. फैसले का स्वागत हिमाचल प्रदेश अनुबंध शिक्षक संघ पीटीए की ओर से किया गया है. पीटीए प्रदेशाध्यक्ष बोविल ठाकुर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से हिमाचल के शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया गया हैं.

जिससे हजारों शिक्षक परिवारों के भविष्य को सुरक्षित किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भी धन्यवाद किया है, जिन्होंने हमेशा इस मामले की पैरवी के लिए सहयोग दिया.

उन्होंने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का इस मामले में सहयोग करने के लिए भी आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हजारों पीटीए, पैट, पैरा शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता खुल चुका है. जिसके लिए वह सुप्रीम कोर्ट के साथ ही सरकार के भी आभारी हैं.

बता दें कि पिछले 5 सालों से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबी था. हालांकि 30 जनवरी 2020 को ही मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी थी और फैसला सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुरक्षित रखा गया था. फैसले को सुरक्षित रखते हुए हिमाचल सरकार से 1 सप्ताह में सभी श्रेणियों के शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का ब्यौरा सुप्रीम कोर्ट की ओर से मांगा गया था और मामले में प्रदेश सरकार की ओर से फरवरी में सारी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दे दी गई थी.

जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर 2014 को हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को ही बरकरार रखते हुए मामले में अपना फैसला सुनाया है. इस फैसले के अनुसार राज्य सरकार ने 10 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके शिक्षकों को नियमित किया था.

वहीं, 7 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके शिक्षकों को अनुबंध पर लाया था. वहीं मामले पर शिक्षा विभाग के उच्च निदेशक डॉ अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि फैसले को अभी स्टडी किया जाएगा. उसके बाद प्रस्ताव तैयार किया जाएगा और सरकार को प्रस्ताव भेज कर प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा.

वहीं कानूनी सलाह भी इस मामले पर फैसले को स्टडी करने के बाद ली जाएगी ओर उसी के आधार पर कार्य आगे किया जाएगा.

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