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मौसम में बदलाव के चलते गेहूं में हो सकता है येलो रस्ट, बचाव के लिए कृषि विभाग ने दी ये सलाह - येलो रस्ट से ऐसे करें बचाव

प्रदेश में लगातार मौसम में बदलाव के चलते गेहूं में येलो रस्ट यानी येलो रस्ट होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. कृषि विभाग ने येलो रस्ट के लक्षण दिखाई देने पर टिल्ट नामक दवा का छिड़काव करने का सुझाव दिया है.

Yellow rust may occur in wheat sirmaur
Yellow rust may occur in wheat sirmaur

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Published : Jan 17, 2020, 10:09 AM IST

नाहनः हिमाचल प्रदेश में लगातार मौसम में बदलाव हो रहा है, जिसके चलते इसका प्रभाव फसलों पर भी पड़ सकता है. खासतौर पर मैदानी इलाकों में, जहां ऐसे मौसम में गेहूं का उत्पादन काफी अधिक मात्रा में होता है. ऐसे में कृषि विभाग ने किसानों से सावधानी बरतने की अपील की है.

कृषि विज्ञानियों की मानें तो मौसम में बदलाव के चलते गेहूं में येलो रस्ट यानि पीला रतवा होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. लिहाजा कृषि विभाग ने पीला रतवा की संभावना को देखते हुए किसानों को कुछ सावधानी बरतने की अपील की है, ताकि उनकी गेहूं की फसल पीला रतवा से बच सके.

वीडियो.

सिरमौर जिला के कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश कौशिक ने बताया कि हाल ही में जो बारिश हुई है, उसके बाद आने वाले समय में गेहूं की फसल में येलो रस्ट का प्रकोप हो सकता है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने खेतों में जाकर जांच करते रहें और देखें कि अगर उनकी फसल में येलो रस्ट के कोई लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो टिल्ट नामक दवा का छिड़काव करें, ताकि येलो रस्ट रोग से बचाव हो सके.

उपनिदेशक ने कहा कि किसान इस बात का भी ध्यान रखें कि वे अपने खेतों में पानी को जमा ना हो. बता दें कि सिरमौर जिला में 26,700 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल उगाई जाती है और इस बार सिरमौर में कृषि विभाग को गेहूं के 55 हजार मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान है.

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