पांवटा साहिब: रोशनी और सौभाग्य का महापर्व दीपावली के अवसर पर दीयों का अलग ही महत्व है. मान्यता है कि मिट्टी से बने दीपक जलाने से शौर्य और पराक्रम में वृद्धि होती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है. यही कारण है कि आज बाजार में मिट्टी के दीयों की मांग भी बढ़ती जा रही है. इसी के तहत पांवटा ब्लॉक द्वारा महिलाओं के समूह को मिट्टी के दीये बनाने का कार्य दिया गया है जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर भी बन रहीं हैं और अच्छी आजीविका भी कमा रही हैं.
गुरु की नगरी पांवटा साहिब में महिला समूह द्वारा बनाए गए मिट्टी के दीयों ने चाइनीस दियों को टक्कर दे दी है. महिलाओं द्वारा विभिन्न किस्मों के दीये बनाए गए हैं जो दिखने में बेहद सुंदर हैं. लोगों को मिट्टी से बने ये दीये बेहद पसंद आ रहे हैं और यही कारण है कि भारी तादाद में लोग इन दीयों की खरीदारी कर रहे हैं.
पांवटा में महिलाओं ने बनाए मिट्टी के दीये, चाइनीज दीयों के बजाए मिट्टी के दीयों की बढ़ी मांग - himachal today news
दीपावली को लेकर दीयों से अपने घर-आंगन को सजाने की तैयारी लोगों ने अभी से ही शुरू कर दी है. इस बार दिवाली पर्व पर सैकड़ों महिलाओं को दीये बनाकर रोजगार मिला है. जिससे महिलाओं में भी काफी उत्सुकता देखने को मिल रही है. पांवटा में चाइनीज दीयों को मिट्टी के दिए फेल कर रहे हैं. चाइनीज दीयों से मोहभंग के चलते मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ी है.
महिला समूह अध्यक्ष बबीता कौशल ने बताया कि पांवटा ब्लॉक द्वारा महिलाओं को दीये बनाने का जिम्मा दिया गया था. जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर भी बन रही हैं और रोजगार भी कमा रही हैं. उन्होंने बताया कि उनके ग्रुप में 100 से अधिक महिलाओं द्वारा हजारों की तादाद में दीये बनाए गए हैं और घर द्वार पर ही बेचे जा रहे हैं. इसके अलावा पांवटा ब्लॉक के समीप स्टॉल लगाकर भी दिए बेचे जा रहे हैं. दीपावली पर्व पर मिट्टी के दीयों ने जहां महिलाओं को अच्छा रोजगार दिया वहीं महिलाएं आत्मनिर्भर भी बन रही हैं.
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