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जोधपुर में सिरमौर के कलाकारों ने दिखाया हुनर, सिरमौरी नाटी से लोगों का मोहा मन - Asra Sanstha Sirmaur

राजस्थान के जोधपुर में सिरमौर के आसरा संस्था के कलाकारों द्वारा देव आराधना, रिहाल्टी गी, मुंजरा व परात, स्वांगटी गी आदि लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया गया. जिससे मुख्य अतिथि रमेश बोराणा ने कलाकारों की खूब प्रशंसा की.

sirmour artist participate at Lokanuranjan fair
सिरमौर के कलाकार

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Published : Feb 19, 2021, 10:30 PM IST

सिरमौर: सिरमौर के हाटी क्षेत्र के लोक कलाकार राजस्थान के जोधपुर में आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय लोकानुरंजन मेले में जिला सिरमौर के पारंपरिक लोकगीतों व लोक नृत्यों को पेश कर रहे हैं. ये जानकारी आसरा संस्था के प्रभारी जोगेंद्र हाब्बी ने दी है. लोकानुरंजन मेले का आयोजन राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला, पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर, हरियाणा कला परिषद चंडीगढ़ की संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है.

कोरोना के बाद हुआ आयोजन

मुख्य अतिथि राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोराणा ने बताया कि कोरोना काल के बाद ये राजस्थान संगीत नाटक अकादमी का पहला सांस्कृतिक आयोजन है और कोरोना काल के लंबे अंतराल के बाद स्थानीय लोग व देश के अनेकों राज्यों के लोक कलाकार पहली मर्तबा इस कला पर्व में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं. इसी बीच उन्होंने सबी कलाकारों को शुभकामनाएं दी.

लोक नृत्य में पारंपरिक अंदाज में कलाकारों ने दी प्रस्तुती

जिला सिरमौर के आसरा संस्था के कलाकारों द्वारा सिरमौरी नाटी के प्रदर्शन के तहत संस्था के वरिष्ठ गुरु राष्ट्रपति से सम्मानित विद्यानंद सरैक व जोगेंद्र हाब्बी द्वारा संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से गुरु शिष्य परंपरा के तहत प्रशिक्षण में कलाकारों से तैयार किए गए लोक नृत्य में पारंपरिक अंदाज में देव आराधना, रिहाल्टी गी, मुंजरा व परात, स्वांगटी गी आदि लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया गया.

9 राज्यों के 30 से ज्यादा पारंपरिक लोक नृत्यों का हुआ प्रदर्शन

हिमाचल की सिरमौरी नाटी के अलावा हरियाणा का घूमर नृत्य व शिव स्तुति, गोवा का समयी देखनी नृत्य, कश्मीर का रुफ नृत्य, उत्तराखंड का छपेली नृत्य, गुजरात का राठवा और गरबा नृत्य, महाराष्ट्र का लावणी नृत्य, पंजाब का भांगड़ा नृत्य के साथ-साथ राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से चकरी नृत्य, शायरियां नृत्य, बम्ब नृत्य, गैर नृत्य, डफ नृत्य, बहरूपिया, सामूहिक शहनाई वादन, ढोल बंकिया, कठपुतली एवं कच्ची घोड़ी नृत्य इत्यादि अनेकों लोक विधाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है.


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