नाहन:सिरमौर जिला के माजरा में हाल ही में दो समुदाय के बीच उपजे विवाद (comments on shivling incident in sirmaur ) के बाद से ही जिला प्रशासन व पुलिस विभाग एक्शन मोड में है और इस संबंध में एक अभियान चलाकर जिला में बाहरी राज्यों से कार्य करने वाले व रहने वाले लोगों का रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है. ताकि किसी भी अप्रिय घटना के वक्त प्रशासन और पुलिस को संबंधित व्यक्ति की जानकारी जुटाने में किसी तरह की समस्या उत्पन्न न हो.
दरअसल इस संबंध में डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम के आदेशों के बाद जिला में संबंधित उपमंडलों के एसडीएम के नेतृत्व वाली टीम हिमाचल में अन्य राज्यों से आए कामगारों, रेहड़ी-फड़ी वालों सहित अन्य कार्य कर रहे लोगों की जानकारी (Sirmaur police active after comments on shivling incident) को जुटा रही है. इसकी रिपोर्ट पुलिस विभाग द्वारा जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि जिला में कितने बाहरी राज्यों के लोग रह रहे हैं.
माजरा प्रकरण के बाद से एक्शन मोड में प्रशासन. (वीडियो) डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम (DC Sirmaur Ram Kumar Gautam) ने बताया कि माजरा की घटना के बाद जिला के सभी मकान मालिकों, सभी प्रकार के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और उद्योगों के मालिकों व जिला में स्थित अन्य संस्थानों व व्यक्तियों को हिमाचल प्रदेश में अन्य राज्यों से आए कामगारों, रेहड़ी वालों, फड़ी वालों का स्थानीय पुलिस थाने में पंजीकरण करवाए बिना मकान या रहने की सुविधा न देने के आदेश जारी किए गए हैं, जिसके बाद जिला में टीमें बाहरी राज्यों के लोगों की जानकारी को एकत्रित कर रही है. उन्होंने जिला में सभी स्थानीय मकान मालिकों से भी आह्वान किया कि वह बिना किसी पुलिस वेरिफिकेशन के किसी भी बाहरी व्यक्ति को किराये पर कमरे न दें. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस विभाग को पूरी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं.
माजरा प्रकरण के बाद से एक्शन मोड में प्रशासन दूसरी तरफ जिला प्रशासन के निर्देशों पर पुलिस विभाग द्वारा भी सभी थानों को इस संबंध में आदेश जारी (Sirmaur police active) किए गए हैं. एसपी सिरमौर ओमापति जम्वाल (SP Sirmaur Omapati Jamwal) ने कहा कि स्थानीय लोग किसी भी बाहरी राज्य के व्यक्ति को अपने यहां रखने से पहले उसकी सूचना संबंधित पुलिस थाना को दें. उन्होंने कहा कि अपराधिक घटना के समय स्थानीय पुलिस थानों में कामगारों की जानकारी दर्ज न होने की स्थिति में पुलिस के लिए इन अपराधियों को पकड़ना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में स्थानीय लोगों को इस दिशा में जागरूक भी किया जा रहा हैजिला प्रशासन के आदेशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि संबंधित आदेशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडित किया जा सकता है.
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