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नो प्लास्टिक...लाइफ फंटास्टिक: पॉलीथिन कचरा प्रबंधन में सिरमौर को देशभर में मिला दूसरा स्थान

उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी ने बताया कि 13 जुलाई 2019 को जिला में पॉलीथिन के कचरे के निष्पादन के लिए मुहिम की शुरुआत हुई थी. जिसके अंतर्गत अभी तक 9000 किलोग्राम से अधिक पॉलीथिन एकत्रित किए जा चुके हैं और 20,000 से अधिक पॉली ब्रिक्स बनाए जा चुके हैं.

sirmaur gets second place in plastic waste management
देशभर में बजा सिरमौर का डंका

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Published : Jan 11, 2020, 4:20 PM IST

नाहन: भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार देश के 732 जिलों में हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर को प्लास्टिक कचरे के बेहतर निष्पादन के लिए दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है. 12 जनवरी 2020 को उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी को उनके प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के अनूठे प्रयास के लिए भारत सरकार द्वारा नई दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा.

बता दें कि भारत सरकार ने वर्ष 2019 में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने के लिए मुहिम छेड़ी थी, जिसके तहत पॉलीथिन के निष्पादन के लिए बेहतर प्रयास करने वाले 4 जिलों को राष्ट्रीय स्तर पर चुनकर सम्मानित किया जाना है, जिसमें जिला सिरमौर को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है.

उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी ने बताया कि 13 जुलाई 2019 को जिला में पॉलीथिन के कचरे के निष्पादन के लिए मुहिम की शुरुआत हुई थी. जिसके अंतर्गत अभी तक 9000 किलोग्राम से अधिक पॉलीथिन एकत्रित किए जा चुके हैं और 20,000 से अधिक पॉली ब्रिक्स बनाए जा चुके हैं. जिनके माध्यम से जिला के विभिन्न क्षेत्रों में पोली बेंच, पॉली दीवार, पोली टॉयलेट व फ्लावर पोट इत्यादि बनाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है.

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उपायुक्त सिरमौर ने कहा कि यह सम्मान जिला सिरमौर के लिए गर्व की बात है. यह सम्मान जिलावासियों का प्रशासन को स्वच्छता के क्षेत्र में अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा. उन्होंने जिला के सभी शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं, सभी पंचायतों, स्वयं सहायता समूहों, सभी युवक मंडलों, जिला के सभी अधिकारियों सहित कर्मचारियों को प्लास्टिक के निष्पादन और पॉली ब्रिक्स बनाकर जिला को स्वच्छ करने और इस सम्मान के लिए धन्यवाद भी किया है.

उल्लेखनीय है कि सिरमौर जिला में एक दिन स्कूल के नाम व एक दिन पंचायत के नाम से कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं, जिसमें स्कूली बच्चों सहित ग्रामीणों को प्लास्टिक मुक्त करने बारे बताया जा रहा है, वहीं सफाई कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं.

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