नाहन: सिरमौर जिले के नाहन के बोहलियों इलाके से निकलने वाली मारकंडा नदी प्रदेश की 7 प्रदूषित नदियों में से एक मानी जाती है. नदी के जल की गुणवत्ता सुधारने के लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रयास किये जाने लगे हैं. हाल ही में मारकंडा नदी और जट्टावाला खड्ड का पानी प्रदूषित पाया गया था.
जल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए प्रशासन लोगों के सीवरेज नदी में न डालने व उद्योगों का गंदा पानी रोकने को लेकर जागरूक कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर मारकंडा नदी में जल की गुणवत्ता सुधारने (water quality of Markanda river) को लेकर जल शक्ति विभाग ने यंत्र भी नदी में लगाया गया है, जोकि ऑनलाइन माध्यम से स्क्रीन पर जल की गुणवत्ता, उसकी बीओडी व अन्य जानकारियां उपलब्ध करवा रहा है.
मारकंडा नदी की जल गुणवत्ता सुधारने में जुटा सिरमौर प्रशासन. इसकी आम आदमी को भी जानकारी हो, इसके लिए एक स्क्रीन कालाअंब व नाहन में डीसी आफिस परिसर में स्थापित की गई है. यहां से नदी के जल प्रदूषण, बीओडी लेवल गुणवता की निगरानी की जा रही है. डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम ने बताया कि मारकंडा नदी प्रदूषित पाई गई है और इसकी जल गुणवत्ता भी कम हुई है. इसी को ध्यान में रखते हुए जल गुणवत्ता बढ़ाने, बीओडी लेवल को सुधारने हेतु कार्य किया जा रहा है।
डीसी ने बताया कि आधुनिक तकनीक के साथ कालाअंब व नाहन से इसकी निगरानी की जा रही है. उन्होंने लोगो से भी अनुरोध किया कि वह अपने घरों का सीवरेज इत्यादि इस नदी में न डालें. उल्लेखनीय है कि प्रदेश की 7 प्रदूषित नदियों में से एक मारकंडा नदी को भी प्रदूषित पाया गया है, जिसके बाद से ही नदी के जल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए जिला प्रशासन जल शक्ति विभाग के साथ मिलकर कार्य कर रहा है.
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