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SIRMAUR: राजगढ़ के पालु गांव के शचिन्द्र नाथ शर्मा का ISRO में चयन, देश भर में 25वां रैंक - हिमाचल प्रदेश न्यूज

शचिन्द्र नाथ शर्मा ने कड़ी मेहनत से वैज्ञानिक बनकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में जाने का सपना पूरा किया है. राष्ट्रीय स्तर की इस कठिन परीक्षा में शचिन्द्र नाथ शर्मा ने देश भर में 25वां रैंक हासिल किया है. बता दें कि 26 वर्षीय शचिन्द्र नाथ शर्मा मूलतः राजगढ़ के पालू गांव से तालुल्क रखते हैं.

Shachindra Nath Sharma of Palu village selected in ISRO
शचिन्द्र नाथ शर्मा

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Published : Sep 30, 2021, 8:17 PM IST

नाहन:होनहार बिरवान के होत चिकने पात. यह कहावत शचिन्द्र नाथ शर्मा पर खरी उतरती है. शचिन्द्र नाथ शर्मा ने कड़ी मेहनत से वैज्ञानिक बनकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में जाने का सपना पूरा किया है. राष्ट्रीय स्तर की इस कठिन परीक्षा में शचिन्द्र नाथ शर्मा ने देश भर में 25वां रैंक हासिल किया है. इनके इसरो में चयन होने पर समूचे राजगढ़ क्षेत्र में खुशी का महौल है और उनके माता-पिता तथा परिवार के अन्य सदस्यों को बधाई देने वालों का तांता लग गया है.

बता दें कि 26 वर्षीय शचिन्द्र नाथ शर्मा मूलतः राजगढ़ के पालू गांव से तालुल्क रखते हैं. इन्होंने 9वीं कक्षा तक की शिक्षा सुंदरनगर में ग्रहण की, क्योंकि इनके पिता यतिन्द्र नाथ शर्मा उन दिनों राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में सेवारत थे और आजकल पॉलिटेक्निक कॉलेज धौलाकुंआ में ऑटोमोबाईल विषय के प्रमुख हैं.

इसके उपरांत शचिन्द्र ने दसवी की पढ़ाई केबी डीएवी स्कूल चंडीगढ़ में की और 96 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. इसी प्रकार जमा दो तक भी पढ़ाई भी चंडीगढ़ में ही की. इसके उपरांत इनका द्वारा जेईई की मेन परीक्षा पास की और इनका चयन पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ में हुआ जहां पर इनके द्वारा बीटेक की गई.

शचिन्द्र शर्मा ने बताया कि बीटेक करने के उपरांत उन्हें वर्ष 2018 में हीरो मोटर कॉरप में नौकरी मिल गई परंतु वह इसरो में वैज्ञानिक बनाने चाहते थे. सात महीने उपरांत शचिन्द्र ने नौकरी छोड़ दी और घर ही इसरो में वैज्ञानिक बनने की तैयारी में जुट गए. जनवरी 2020 में इनके द्वारा इसरो के लिए आयोजित प्रतियोगिता में भाग लिया गया, लेकिन कोरोना काल के चलते परिणाम आने में विलंब हो गया और शचिन्द्र ने देश भर में 25वां स्थान प्राप्त किया. बताया कि इस प्रतियोगिता में देश भर के असंख्य युवाओं ने भाग लिया था.

इनका कहना है कि उनके पिता उन्हें सिविल सर्विस के लिए प्रेरित कर रहे थे, लेकिन उनका सपना देश का एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक बनना था. उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और गुरूजनों को दिया है जिनके आशीर्वाद से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है.

पझौता स्वतंत्रता सैनानी कल्याण समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश और पूर्व जिप सदस्य शकुंतला प्रकाश ने शचिन्द्र नाथ को बधाई देते हुए कहा कि इसरो में जाने वाले राजगढ़ क्षेत्र के पहले युवा हैं. उन्होंने देश, प्रदेश और विशेषकर राजगढ़ क्षेत्र का नाम रोशन किया है.

उन्होंने बताया कि पालु गांव के इसी परिवार की दो बेटियां अनुष्का और मनस्वी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. इसी प्रकार इस गांव से निशांत शर्मा खंड विकास अधिकारी के अतिरिक्त दो बेटियां पूनम और आभा पपरोला में आयुर्वेदाचयार्य कर रही हैं. इसी गांव की बेटी रंजना शर्मा कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं.

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