नाहन: 1621 में बसे देवभूमि हिमाचल प्रदेश के ऐतिहासिक शहर नाहन में लॉकडाउन के बीच एक भारत की शानदार तस्वीर देखने को मिल रही है. यहां आपसी भाईचारे के साथ कोरोना से डटकर जंग लड़ी जा रही है. ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट में आज हम आपको दिखाएंगे कि हिंदू-मुस्लिम-सिख मुश्किल के इस वक्त में कैसे धर्म-जाति से ऊपर उठकर जनसेवा कर रहे हैं.
जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है, तब से लेकर आज तक सभी धर्मों से जुड़े लोग लगातार जरूरतमंद व प्रवासी श्रमिकों के भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं. यहां यह भी बताना जरूरी है कि यह पहला मौका नहीं है, जब नाहन शहर ने आपसी भाईचारे का संदेश दिया है, बल्कि यहां सांप्रदायिक एकता अक्सर देखने को मिली है.
एक दूसरे के त्योहारों में शामिल होकर लोग अक्सर आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करते आए हैं, लेकिन अब जब देश सबसे बड़ी मुश्किल से गुजर रहा है, उस वक्त में भी यहां के लोग एकजुटता का संदेश देकर इस बात को साबित कर रहे हैं कि धर्म से बड़ी इंसानियत है.
दरअसल देश में इस समय कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन चला हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के अनुसार जो जहां है, वहीं रहे, का पालन किया जा रहा है. ऐसे में बहुत से प्रवासी मजदूर बिहार, यूपी, नेपाल से सिरमौर जिला के मुख्यालय नाहन में फंसे हुए हैं. साथ ही बहुत से जरूरतमंद लोग भी हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन के चलते नाहन के हिंदू-मुस्लिम-सिख वर्ग के युवाओं ने प्रयास किया है कि जरूरतमंदों को खाने संबंधी कोई समस्या न हो.
इसी के चलते शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में हिंदू-मुस्लिम व सिख समुदाय से जुड़े युवा पिछले 40 दिनों से प्रतिदिन जरूरतमंद व प्रवासी श्रमिकों को दो समय का भोजन उपलब्ध करवाने में लगे हुए हैं. कोई बनाकर खाना खिला रहा है, तो कोई राशन की किटें बनाकर जरूरतमंदों को देने में लगे हुए हैं. यहां पर सभी धार्मिक संप्रदाय के लोग आपसी समन्वय के साथ इस कार्य में दिन-रात जुटे हुए हैं. साथ ही इनका कहना है कि जब तक यह मुश्किल की घड़ी टल नहीं जाती, तब तक वह इस जन सेवा के कार्य को जारी रखेंगे.
रामकुंडी क्षेत्र में हिंदू युवा निभा रहे अपना फर्ज
नाहन शहर के वार्ड नंबर-1 रामकुंडी क्षेत्र में हिन्दू समुदाय से जुड़े युवा पूरे वार्ड के लोगों की सहायता से रोजाना लगभग 100 प्रवासी लोगों को भोजन करवा रहे हैं. पिछले लगभग डेढ़ महीने से यह कार्य यहां पर लगातार चला हुआ है. यहां रिटायर्ड फौजियों व स्थानीय लोगों की मदद से प्रवासी जरूरतमंदों में लोगों को हर दिन पका हुआ भोजन मुहैया करवाया जा रहा है.