पांवटा साहिब:पांवटा साहिब के ऐतिहासिक गुरुद्वारे (Historical Gurdwara of Paonta Sahib) में 4 वर्षों के बाद एनआरआई बिल्डिंग का कार्य लगभग पूरा हो गया (NRI building of Gurdwara Paonta Sahib) है. इस बिल्डिंग को इस ढंग से बनाया गया है की जो भी श्रद्धालु यहां पर ठहरते हैं, उन्हें हर तरह की सुविधा अपने कमरे में उपलब्ध मिलती है. इस एनआरआई बिल्डिंग के तैयार होने से पांवटा शहर के बड़े-बड़े होटलों की रौनक फीकी पड़ गई है.
फ्री इंटरनेट और बिजली की सुविधा: इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु घूमने तथा यहां दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. यहां पर ठहरने की अच्छी सुविधा न होने की वजह से लोगों को महंगे दामों पर होटलों में कमरे बुक करने पड़ते थे. वहीं, अब ऐतिहासिक गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा नई बिल्डिंग तैयार की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को अच्छी सुविधा उपलब्ध हो सके. यहां पर 24 घंटे फ्री इंटरनेट की सुविधा लोगों को मिलेगी.
पांवटा साहिब का ऐतिहासिक गुरुद्वारा. यहां दिल्ली, चंडीगढ़ से पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि वह हर वर्ष गर्मियों के समय में यहां पर गुरुद्वारे में दर्शन करने और घूमने के लिए पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि हर बार उन्हें होटलों में महंगे दामों पर तीन से चार रुपये में कमरे बुक करने पड़ते थे, लेकिन यहां पर इस ढंग से कमरे बनाए गए हैं ताकि एक बड़ा परिवार भी एक कमरे के अंदर ठहर सके. उन्होंने कहा कि यहां पर वीआईपी होटलों से अच्छी सुविधा उपलब्ध हो रही है. पहले होटल में 4 कमरों का खर्चा लगभग 10 हजार रुपेय से अधिक आता था, जबकि यहां पर एक रूम में पूरा परिवार एक हजार रुपए में ठहर सकते हैं.
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मैनेजर जगबीर सिंह ने बताया कि गुरुद्वारे में अब ऑनलाइन बुकिंग सेवा भी उपलब्ध होगी, जिसके बाद संगत वहां जाने से पहले ही कमरे बुक करवा सकेगी. उन्होंने कहा कि इस एनआरआई बिल्डिंग में 104 कमरे बनाए गए हैं. इसके अतिरिक्त एक मीटिंग हॉल और कार पार्किंग भी यहां बनाई गई है. उन्होंने कहा कि यात्रियों के लिए 24 घंटे बिजली की सुविधा उपलब्ध रहे इसके लिए यहां पर 320 केवी के जनरेटर और 400 केवी के ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं.
बता दें कि इस गुरुद्वारे में काफी तादाद में संगत ठहरती है, जिनके लिए बड़े-बड़े वीआईपी हॉल बनाए गए हैं. इसके अलावा वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए भी यहां कमरें बनाए गए हैं, ताकि कम खर्चे में उन्हें होटल जैसी अच्छी सुविधा उपलब्ध हो सके. आंकड़े की बात करें तो रोजाना यहां पर 70 से 80 वीआईपी श्रद्धालु एनआरआई रूम में ठहरते हैं. इसके अलावा हॉल में चार से पांच सौ के करीब श्रद्धालु यहां रोजाना ठहरते हैं.