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सवर्ण आयोग के गठन को लेकर पदयात्रा पहुंची नाहन, विरोध जताने वालों को दिया जवाब - Nahan latest news

हिमाचल प्रदेश में सवर्ण आयोग (Upper caste commission) के गठन की मांग को लेकर 15 नवंबर को राजधानी शिमला (Shimla) से शुरू हुई देवभूमि सवर्ण मोर्चा (Devbhoomi Savarna Morcha) व देवभूमि क्षत्रीय संगठन (Devbhoomi Kshatriya sanghathan) की पदयात्रा बुधवार देर शाम जिला मुख्यालय नाहन में पहुंची, जहां इस पदयात्रा का सवर्ण समाज के लोगों ने स्वागत किया.

Padyatra for the formation of the upper caste commission reached Nahan
सवर्ण आयोग के गठन को लेकर पदयात्रा पहुंची नाहन

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Published : Nov 17, 2021, 10:39 PM IST

नाहन: हिमाचल प्रदेश में सवर्ण आयोग (Upper caste commission) के गठन की मांग को लेकर 15 नवंबर को राजधानी शिमला (Shimla) से शुरू हुई देवभूमि सवर्ण मोर्चा (Devbhoomi Savarna Morcha) व देवभूमि क्षत्रीय संगठन (Devbhoomi Kshatriya sanghathan) की पदयात्रा बुधवार देर शाम जिला मुख्यालय नाहन (Nahan)में पहुंची. पदयात्रा के जरिए जातिगत आरक्षण (caste reservation) का विरोध करते हुए शव यात्रा भी निकाली जा रही है. नाहन पहुंचते ही इस पदयात्रा का सवर्ण समाज (savarna samaj )के लोगों ने स्वागत किया.

वहीं, बुधवार को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में दलित संगठनों द्वारा सवर्ण आयोग की इस पदयात्रा का विरोध करने पर देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर (Rumit Singh Thakur) ने इसका जवाब दिया है. नाहन पहुंचते ही रुमित सिंह ठाकुर कहा कि देश का संविधान (constitution of India) जितना अन्य लोगों का है, उतना सवर्ण समाज से जुड़े लोगों का भी है. उन्होंने कहा कि संविधान किसी विशेष वर्ग के लिए नहीं बनाया गया है.

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वहीं, भीम आर्मी (Bhim Army) के विरोध पर रूमित ठाकुर ने कहा कि देश में केवल एक ही आर्मी है और वह है इंडियन आर्मी. उन्होंने कहा कि सवर्ण समाज की यह यात्रा शांतिपूर्वक तरीके से आयोजित की जा रही है और इस यात्रा के जरिए न किसी जाति और न किसी धर्म के खिलाफ बोला जा रहा है. उन्होंने कहा कि केवल प्रदेश में सवर्ण समाज के गठन की मांग की जा रही है. उन्होंने कहा कि सवर्ण समाज का एक इतिहास रहा है, वह न किभी झुका है और न कभी झुकेगा.

रुमित ठाकुर ने यह भी कहा कि सवर्ण समाज के लोग जातिगत आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट (Atrocity act) आदि कानूनों से आहत हैं और इन सब कानूनों का शव यात्रा निकालकर हरिद्वार में पिंडदान किया जाएगा. पिंडदान करने के उपरांत आर्थिक आधार पर आरक्षण का गंगाजल हरिद्वार से लाया जाएगा और करीब 800 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद 10 दिसंबर को धर्मशाला शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा, जहां विधायक विक्रमादित्य सिंह (MLA Vikramaditya Singh) को छोड़कर अन्य सभी विधायकों का गंगाजल से शुद्धिकरण किया जाएगा.

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