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पद्मश्री बाबा इकबाल सिंह का निधन, सिरमौर के बड़ू साहिब में ली आखिरी सांस - बाबा इकबाल सिंह को पद्मश्री

प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता बाबा इकबाल सिंह (Baba Iqbal Singh passes away) का 96 वर्ष की आयु में शनिवार दोपहर बाद निधन हो गया है. उन्होंने बड़ू साहिब में अंतिम सांस ली. हाल ही में उन्हें पदमश्री पुरस्कार (Padma shri to Baba Iqbal Singh) देने की घोषणा भी हुई थी.

Baba Iqbal Singh
बाबा इकबाल सिंह

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Published : Jan 29, 2022, 6:58 PM IST

Updated : Jan 29, 2022, 7:38 PM IST

नाहन: प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता बाबा इकबाल सिंह (Baba Iqbal Singh passes away) का 96 वर्ष की आयु में शनिवार दोपहर बाद निधन हो गया है. उन्होंने बड़ू साहिब में अंतिम सांस ली, जहां उन्होंने अपने गुरु, संत अत्तर सिंह जी महाराज के नक्शेकदम पर चलते हुए मानवता की अथक सेवा की अपनी यात्रा शुरू की थी. चार दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें पदमश्री पुरस्कार (Padma shri to Baba Iqbal Singh) देने की घोषणा की थी, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था.

पुरस्कार की जानकारी मिलने के बाद भी वह इसे अपने हाथों नहीं ले पाएंगे. अपने पूरे जीवन में बाबा इकबाल सिंह जी (Baba Iqbal Singh death) ने केवल एक ही दिशा में अथक परिश्रम किया. उन्होंने ग्रामीण भारत में मूल्य-आधारित शिक्षा प्रदान करने का काम किया, ताकि प्रत्येक ग्रामीण बच्चे को कम लागत वाली शिक्षा प्राप्त हो सके. 1987 में हिमाचल प्रदेश से कृषि विभाग के निदेशक पद से सेवानिवृत्त होने से पहले बाबा जी ने ईंट-दर-ईंट संगठन का निर्माण किया, जो अब 129 सीबीएसई संबद्ध अंग्रेजी माध्यम के स्कूल चलाता है. जिनमें 70,000 से अधिक बच्चे हैं, जिनमें से अधिकांश पांच ग्रामीण उत्तर भारतीय राज्यों से हैं.

शहरी परिवेश से बहुत दूर ये स्कूल समाज के हाशिए के वर्गों के बच्चों को मूल्य-आधारित शिक्षा पर केंद्रित हैं. बड़ू साहिब सिरमौर में अकाल अकादमी नामक एक कमरे के स्कूल में केवल पांच छात्रों के साथ बाबा जी ने अपने पेंशन धन का उपयोग भवन के निर्माण और पहले वर्ष के लिए स्कूल का प्रबंधन करने के लिए किया था. पहले यह सब जंगल था. अगले वर्ष आस-पास के जिलों के 70 से अधिक बच्चों ने यहां प्रवेश लिया.

उस साल ट्रस्ट की मदद के लिए कई परिवार भी आगे आए. ट्रस्ट ने इस प्रकार 1993 में मुक्तसर में अकाल अकादमी खोली और 1999 तक ट्रस्ट ने पूरे पंजाब में 19 अकादमियां खोल दी थीं. अब इनकी संख्या 129 पहुंच गई है. जो पंजाब, यूपी, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा में फैले हुए हैं. एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में बाबा इकबाल सिंह ने खुद को केवल शिक्षा क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रखा, वे सामुदायिक जीवन के हर पहलू में शामिल थे.

स्कूल, अस्पताल, कॉलेज, महिला इंपावरमेंट केंद्र, नशामुक्ति केंद्र बाबा इकबाल सिंह जी ने अपनी टीम के साथ बड़ू साहिब सिरमौर में अकाल चैरिटेबल अस्पताल की स्थापना की, जो समाज के ग्रामीण गरीब वंचित वर्ग को निशुल्क चिकित्सा प्रदान करता है. हर साल चिकित्सा शिविर स्थापित किए जाते हैं, जहां मुंबई, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के प्रसिद्ध डॉक्टर भाग लेते हैं और ग्रामीण गरीब लोगों को मुफ्त सर्जरी सहित मुफ्त चिकित्सा देखभाल प्रदान करते हैं.

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Last Updated : Jan 29, 2022, 7:38 PM IST

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