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बेखबर प्रशासन! अब भी स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम हैं पांवटा साहिब की कई बस्तियां - Health facility in the settlements of Sirmaur

पांवटा साहिब की बस्तियों में दूर-दूर तक कोई भी सरकारी सुविधा नजर नहीं आती है. बस्तियों में ना तो डॉक्टर नजर आते हैं और ना ही कोई आशा वर्कर पहुंचती है. महिलाओं को डिलीवरी के लिए कई किलोमीटर का सफर कर अस्पताल पहुंचना पड़ता है. लोगों का कहना है कि सरकार को स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए विचार करना चाहिए.

No health facilities in slum area of Paonta Sahib
ईटीवी भारत डिजाइन फोटो.

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Published : Sep 30, 2020, 1:48 PM IST

पांवटा साहिब: भले ही सरकार विकास की बड़ी-बड़ी बातें कर रही हो पर जमीन पर हकीकत कुछ और ही है. दरअसल, आज भी झुग्गी बस्तियों में सरकारी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नही हैं. सुविधाएं ना होने की वजह से यहां पर बसे लोगों को बहुत सी परेशानियां झेलनी पड़ रही है. पांवटा साहिब में बाल्मिकी बस्ती, हरिजन बस्ती, बंगाली बस्ती और वॉर्ड नंबर 6 में दूर-दूर तक कोई भी सरकारी सुविधा नजर नहीं आती है.

शहर की इन बस्तियों में सरकारी सुविधाओं के साथ-साथ स्वच्छता का भी कोई इंतजाम नहीं है. महिलाओं को डिलीवरी के लिए कई किलोमीटर का सफर कर अस्पताल पहुंचना पड़ता है.

वीडियो रिपोर्ट.

चारों बस्ती में एक भी क्लीनिक नहीं

पांवटा साहिब के चारों बस्ती में एक भी क्लिनिक नहीं है. बीमार होने पर सभी को दूर पांवटा सिविल अस्पताल जाना पड़ता है. बस्तियों में ना तो डॉक्टर नजर आते हैं और ना ही कोई आशा वर्कर पहुंचती है. कोरोना की वजह से काम काज ठप पड़ा है. रोजी-रोटी का गुजारा सही से नहीं हो पा रहा है.

मोहल्ला क्लीनिक की मांग

इन बस्तियों में रहने वालों का कहना है कि पांवटा सिविल अस्पताल में स्टाफ की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है. जिस तरह दिल्ली में हर जगह मोहल्ला क्लीनिक बनाई है, वैसे ही हिमाचल में भी सरकार को स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए विचार करना चाहिए.

मजबूरी में निजी अस्पतालों का रहे रुख

बस्ती में रहने वाली महिला बताती है कि यहां न तो स्वच्छता का ध्यान रखा जाता है और न ही स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाती हैं. बस्ती में एक भी डॉक्टर नहीं है. मजबूरी में उन्हें निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है. सरकार को स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि यहां रहने वाले लोगों को परेशानी को कोई परेशानी न हो.

बस्तियों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं

शहर में रहने वाले समाजसेवी नाथूराम का कहना है कि शिलाई और पांवटा साहिब के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं सही ढंग से उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. बस्तियों की हालत बेहद खराब है. सरकार दावे भले ही लोगों को बेहतर सुविधा देने का वादा कर रही है लेकिन हकीकत कुछ और है. सिविल अस्पताल में लोगों सिर्फ रेफर पर्चियां मिलती है.

स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति सरकार गंभीर

प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी का कहना है कि पांवटा सिविल हस्पताल में सुविधाएं पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार काफी गंभीर है. पांवटा सिविल अस्पताल में सौ बेड से लेकर डेढ़ सौ बेड का अस्पताल से बना दिया गया है. जल्दी यहां पर ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. अस्पताल में स्टाफ की कमी को जल्द पूरी हो जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग की टीमें कर रही काम

बीएमओ राजपुरा अजय देओल के मुताबिक जिला सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब के बस्ती और मोहल्लों में बेहतरीन सुविधा देने के लिए स्वास्थ्य महकमा कोरोना काल सही सतर्क है. घर-घर जाकर आशा वर्कर्स की टीम लोगों को दवाएं देने के साथ-साथ उन्हें कोरोना के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं.

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