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सरहदों की बंदिशें लांघकर आसन वेटलैंड पहुंचे विदेशी मेहमान, पक्षियों की आवाज से गूंजी रेणुका घाटी - आसन वेटलैंड पहुंचे विदेशी मेहमान

इन दिनों रेणुका झील और आसन बैराज (migratory birds reach asan barrage) में विदेशी पक्षियों की बसेरा है. पक्षियों की चहचहाहट से पूरी रेणुका घाटी गूंज उठी है. अब तक करीब 35-40 प्रजातियों के 3500 से चार हजार प्रवासी पक्षी झील (exotic birds reached renuka lake) में पहुंच चुके हैं. सर्दियां बढ़ने के साथ ही यहां लगभग 70 से 80 प्रजातियों के हजारों पक्षी जलक्रीड़ा करते देखे जाएंगे. मौसम में बदलाव के कारण ये पक्षी यहां यूरोप, चीन, भूटान, साइबेरिया, सऊदी अरब और अफगानिस्तान जैसे देशों से हजारों मील का सफर तय कर यहां पहुंचते हैं.

migratory birds reach asan conservation reserve
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Published : Dec 22, 2021, 8:09 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 9:44 PM IST

पांवटा साहिब: सिरमौर जिले का धार्मिक और पर्यटन केंद्र रेणुका झील और हिमाचल-उत्तराखंड सीमा पर बना आसन बैराज (migratory birds reach asan barrage) इन दिनों विदेशी मेहमानों की आमद से गुलजार है. विदेशी पक्षियों की चहल-पहल से यहां की रौनक लौट आई है. इस साल पक्षियों की तादाद में बढ़ोतरी भी हुई है. जिससे पक्षी प्रेमी भी खुश नजर आ रहे हैं. साथ ही, झील के आस-पास मौजूद व्यापारियों में पक्षियों के आने से खुशी है.

रेणुका झील (exotic birds reached renuka lake) के कार्यवाहक आरओ राकेश कुमार बताते हैं कि अभी तक करीब 35-40 प्रजातियों के 3500 से चार हजार प्रवासी पक्षी झील में पहुंच चुके हैं. सर्दियां बढ़ने के साथ ही यहां लगभग 70 से 80 प्रजातियों के हजारों पक्षी जलक्रीड़ा करते देखे जाएंगे. मौसम में बदलाव के कारण ये पक्षी यहां यूरोप, चीन, भूटान, साइबेरिया, सऊदी अरब और अफगानिस्तान जैसे देशों से हजारों मील का सफर तय कर यहां पहुंचते हैं.

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रेणुका वेटलैंड का सुरक्षित, शांत और ठंडा वातावरण इन पक्षियों को पसंद आता है. आने वाले दिनों में यहां और विदेशी मेहमानों की संख्या में इजाफा होने वाला है. जिससे पक्षी प्रेमी उत्साहित हैं. झील में कॉमन कार्मोरेंट, रुडी शेलडक यानी सुर्खाब, कॉमन पोचार्ड, कॉमन कूट, ग्रे लेग लिटिल इगरेट, किंगफिशर, व्हाइट ब्रिस्टेड, वॉटर हैन, कॉमन मोरेहन, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, वूली नेक्ड स्टॉक, स्पॉट बिल्ड डक व डूबकी मार बत्तख झील में अठखेलियां करते हुए नजर आ रहे हैं.

आसन झील (migratory birds reach asan barrage) की पटेरा नामक घास इनके आवास और प्रजनन के लिहाज से भी अनुकूल है. इसके अलावा विदेशी परिंदों की पसंद का हर भोजन इस झील में मौजूद है. झील के आसपास का जंगल और यहां के पक्षियों का दोस्ताना व्यवहार भी इन्हें खूब भाता है. यही कारण है कि हर साल बड़ी संख्या में यह पक्षी आसन झील का रुख करते हैं. दिसंबर से जनवरी तक इन पक्षियों का आगमन चलता रहता है और मार्च माह में ये वापस अपने देशों का रुख करते हैं.

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प्रवासी पक्षियों को यहां आने वाले लोग किसी तरह का कोई नुकसान न पहुंचाएं इसके लिए इनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम वन्यप्राणी विभाग द्वारा किए गए हैं. आसन बैराज कंजर्वेशन के संरक्षक प्रदीप सक्सेना ने बताया कि विभाग खुद इनकी देख-रेख के लिए पेट्रोलिंग करता है. इन प्रवासी पक्षियों की 24 घंटे निगरानी की जाती है.

यहां घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं. ठंड की वजह से अभी पर्यटकों की संख्या कम है. मौसम साफ होते ही उत्तराखंड दिल्ली हरियाणा पंजाब अन्य राज्यों से पर्यटक विदेशी पक्षियों के दीदार के लिए यहां आने लगेंगे. रेणुका झील में पक्षियों को देखने पहुंचे पर्यटकों का कहना है कि विदेशी मेहमानों को देखने के लिए वह अपने परिवार सहित हर साल यहां आते हैं. यहां के सुंदर वातावरण और पक्षियों की चहल पहल से उन्हें शांति मिलती है. लॉकडाउन की वजह से पिछले वर्ष वे अपने परिवार के साथ पक्षियों को देखने के लिए नहीं पहुंच पाए थे.

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Last Updated : Dec 22, 2021, 9:44 PM IST

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