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नाहन में मध्य हिमालय कर्मियों की सांकेतिक हड़ताल, सरकार को दी ये चेतावनी - दैनिक भोगी व अनुबंध कर्मचारी

जिला मुख्यालय नाहन में वन परियोजना कर्मचारी मंडल के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ सांकेतिक हड़ताल की है. दरअसल तकरीबन 3 साल पहले दैनिक भोगी व अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने की अधिसूचना जारी होने के बावजूद भी वित्तिय लाभ नहीं मिल रहा है.

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Published : Jul 28, 2020, 9:51 AM IST

नाहन:सरकार द्वारा तकरीबन 3 साल पहले दैनिक भोगी व अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने की अधिसूचना जारी होने के बावजूद भी वित्तिय लाभ न मिलने से वन परियोजना कर्मचारी मंडल के कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय में सांकेतिक हड़ताल का आयोजन किया. साथ ही सरकार से उनकी मांगों का समाधान करने की मांग की है, ताकि वो अपना और अपने परिवार का भरन-पोषण कर सके.

बता दें कि अप्रैल 2017 में सरकार ने हिमाचल प्रदेश मध्य हिमालय में कार्यरत दैनिक भोगी व अनुबंध पर तैनात कर्मचारियों को नियमित करने की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन इसकी एवज में मिलने वाले वित्तिय लाभ अब तक संबंधित कर्मचारियों को नहीं मिल पाए हैं,जिसके चलते उन्हें बेहद कम वेतन में अपने परिवारों का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है. बड़ी बात ये है कि क्षेत्र में वित्तीय लाभ के इंतजार में एक कर्मचारी का देहांत हो चुका है, जबकि एक कर्मचारी रिटायर व एक नौकरी भी छोड़ चुका है.

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नाहन के वन परियोजना कर्मचारी मंडल के अध्यक्ष मान सिंह ने बताया कि 1994 से वो लोग संबंधित परियोजना में कार्यरत हैं. लगभग 27 सालों से काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया है. उन्होंने कहा कि 2017 में जो नीतियां दैनिक भोगी व अनुबंध कर्मचारियों को लेकर बनाई गई हैं, उसका अब तक वित्तिय लाभ नहीं मिला है. ऐसे में उनको अपने परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो रहा है.

मान सिंह ने बताया कि कर्मचारियों ने 18 व 20 रूपये से काम करना शुरू किया था, लेकिन 26 सालों के बाद उनकी वेतन में सिर्फ 250 रुपये का इजाफा हुआ है. वर्तमान में नाहन में 13 कर्मचारी लंबे समय से सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही हैं. इसी बीच उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना जाता है, तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा.

गौर रहे कि संबंधित कर्मचारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और वन व परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर से इस संबंध में कई बार लिखित व मौखिक पत्राचार कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला.

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