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सार्थक के लिए बन रहे घर के लिए मैराथन धावक सुनील शर्मा ने की मजदूरी, लोगों से की ये अपील

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Published : Jul 4, 2020, 1:58 PM IST

अंतरराष्ट्रीय धावक सुनील शर्मा अपना वादा पूरा करने के लिए किडनी पीड़ित सार्थक के गांव पातलियों जाकर बीते तीन दिन से मजदूरों के साथ मिलकर घर बनाने के काम में सहयोग कर रहे हैं. बता दें कि ईटीवी भारत पर खबर को प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद सार्थक की मदद के लिए मैराथन धावक सुनील शर्मा और नाटी किंग कुलदीप शर्मा आगे आए थे.

Marathon Sunil Sharma
सार्थक को नया घर देने के लिए काम करते मैराथन सुनील शर्मा

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब के पातलियों निवासी सार्थक और उसके परिवार से अंतरराष्ट्रीय धावक सुनील शर्मा ने जो वादा किया था. वो उसे पूरा करने के लिए बीते तीन दिन से पसीना बहा रहे हैं. दरअसल किडनी पीड़ित सार्थक के घर पहुंचकर धावक सुनील शर्मा मजदूरों के साथ मिलकर काम रहे हैं.

गौर रहे कि ईटीवी भारत पर खबर को प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद सार्थक की मदद के लिए मैराथन धावक सुनील शर्मा और नाटी किंग के नाम से मशहूर हिमाचली गायक कुलदीप शर्मा आगे आए थे. इसके अलावा दोनों लोगों ने किडनी की बीमारी से जूझ रहे सार्थक का इलाज करवाने की बीड़ा भी उठाया था.

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अंतरराष्ट्रीय धावक सुनील शर्मा ने सार्थक का इलाज और नया घर देने का वादा किया था, लेकिन घर बनाने के लिए मजदूर न मिलने से उनको खुद काम करना पड़ रहा है. जिससे सार्थक को जल्द ही नया आशियाना मिल सके. सुनील शर्मा सिर्फ सार्थक ही नहीं बल्किकिडनी की बीमारी से जूझ रही दो लड़कियों के इलाज का जिम्मा भी लिया है.

अंतरराष्ट्रीय धावक सुनील शर्मा ने बताया कि पिछले कई सालों से लोगों की जान बचाने के लिए चैरिटी कर रहे हैं, ताकि बीमारी से लड़ रहे जरूरतमंदों की जान बचाई जा सके. उन्होंने कहा कि सार्थक के परिवार को नया घर देने के लिए कई लोग आगे आए हैं.

सुनील शर्मा ने बताया कि देश के सभी लोगों को कोरोना जैसी महामारी से निपटने में अपना सहयोग देना चाहिए. साथ ही गरीब वर्ग के लोगों का हमेशा सहयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश के सभी समुदाय के लोगों को मिल जुलकर रहना चाहिए, क्योंकि तभी देश आगे बढ़ सकता है.

बता दें कि पावंटा साहिब में रहने वाला सार्थक बचपन से ही एक किडनी के साथ पैदा हुआ था, कुछ सालों बाद उसकी इस किडनी में भी संक्रमण फैल गया. डॉक्टरों ने सार्थक के बचने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन चंडीगढ़ पीजीआई में सार्थक का इलाज चल रहा है. परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. ये परिवार झोपड़ी में रहकर जीवन काट रहा है. बेटे के इलाज के लिए परिवार के पास पैसे नहीं है. डॉक्टरों के मुताबिक अगर सार्थक का इलाज सहीं ढंग से नहीं हुआ तो उसकी जान को खतरा हो सकता है. ईटीवी भारत पर खबर दिखाए जाने के बाद कई लोगों ने सार्थक की मदद को हाथ आगे बढ़ाए थे.

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