नाहन: कृषि विज्ञान केंद्र धौला कुआं (Krishi Vigyan Kendra Dhaula Kuan) ने पशुचारे के संकट की समस्या का समाधान करने का प्रयास किया है. लिहाजा अब प्रदेश सहित जिला सिरमौर के किसानों को पशु चारे के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. दरअसल पड़ोसी राज्य पंजाब व हरियाणा से पशुचारे की आपूर्ति की जाती रही हैं, लेकिन इस बार संबंधित राज्यों से गेहूं की तूड़ी के रूप में की जाने वाले पशुचारे की सप्लाई को बंद कर दिया गया. इसके चलते काफी समय से प्रदेश सहित जिला सिरमौर के किसानों व दुध उत्पादकों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी संकट को देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र धौला कुआं ने एक सफल प्रयोग कर किसानों की समस्या का समाधान करने का प्रयास किया है.
कृषि विज्ञान केंद्र प्रबंधन के मुताबिक पशुचारे के संकट को देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र ने अपनी जमीन में संकर उन्नत किस्म चारे की दो किस्मों न्यूट्रीफीड और न्यूट्रीफास्ट का बीज उगाया गया. इसका परिणाम यह निकला कि अप्रैल माह के पहले सप्ताह में इसकी बिजाई की गई थी. मई माह में यह चारे के लिए प्रयोग में लाया जाने लगा. अब तक सुबह व शाम इसकी कई बार कटाई हो चुकी है. फिलहाल चारे का प्रयोग कृषि विज्ञान केंद्र में पाले जा रहे 30 मवेशियों के लिए किया जा रहा है. इसकी खासियत ये है कि काटे जाने के सप्ताह भर के भीतर यह दोबारा काटने के लिए तैयार हो रहा है. इसको लेकर अब किसानों को भी जागरूक किया जा रहा है.
बता दें कि कई पशुपालक बाहरी राज्यों से चारा मंगा रहे हैं. वर्तमान समय में चारे का दाम 2 हजार रुपये क्विंटल के करीब पहुंच गए हैं. जोकि पिछली बार इस समय 700 से 800 के करीब थे. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र धौला कुआं के विषयवाद विशेषज्ञ डा. सौरव शर्मा ने बताया कि इस बार पड़ोसी राज्यों से तूड़ी की सप्लाई बंद होने से यहां के किसानों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि इसी समस्या को देखते हुए अप्रैल माह में संकर उन्नत किस्म को उगाया गया, ताकि किसानों को इस बारे जागरूक किया जा सके कि वह अकेले तूड़ी पर ही निर्भर न रहे.