नाहन:केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गिरिपार के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के फैसले के बाद प्रदेश की जयराम सरकार की मुश्किलें भी लगातार बढ़ती जा रही है. इस फैसले के विरोध में अब गुर्जर समुदाय की महिलाओं ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दरअसल गिरिपार इलाके के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने, आरक्षण कोटा न बढ़ाने और अधिकारों से छेड़छाड़ के विरोध में गुर्जर समुदाय की दर्जनों महिलाएं भूख हड़ताल पर बैठ गई.(Hunger strike in Nahan of women of Gurjar community)
चुनावी साल में बढ़ रही जयराम सरकार की मुश्किलें, अब नाहन में गुर्जर समुदाय की महिलाओं ने मोर्चा खोला
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गिरिपार के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के फैसले के बाद प्रदेश की जयराम सरकार की मुश्किलें भी लगातार बढ़ती जा रही है. नाहन में आज डीसी ऑफिस परिसर में गुर्जर समुदाय की महिलाएं भूख हड़ताल पर बैठ गई. (Hunger strike in Nahan of women of Gurjar community)
गुर्जर समुदाय के कोटे पर असर: डीसी ऑफिस परिसर में सरकार को चेताने ओर अपनी मांगों को लेकर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठी महिला शक्ति ने दो टूक शब्दों में सरकार को चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो वह किसी भी हद तक आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगी. महिलाओं का कहना है कि गिरिपार जनजातीय क्षेत्र घोषित किया जा रहा और इससे सिरमौर जिले में रह रहे गुर्जर समुदाय के कोटे पर सीधा असर पड़ेगा.
शिमला और दिल्ली में धरना:गुर्जर कल्याण परिषद महिला विंग की अध्यक्ष रितु ने कहा कि गुर्जर समाज से जुड़े लोग कम शिक्षित है. ऐसे में यदि गिरिपार को ST में शामिल किया जाता है, तो इससे गुर्जर समुदाय के लोगों को सीधा नुकसान पहुंचेगा. ऐसे में सरकार से मांग की जा रही है कि हाटी समुदाय के लिए सरकार अलग से कोटे का प्रावधान करें और गुर्जर समुदाय के 7.5 प्रतिशत कोटे को सुरक्षित रखा जाए. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी, तो शिमला में धरना देंगे. यदि तब भी बात नहीं बन पाई तो दिल्ली में प्रदर्शन किया जाएगा.
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