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Hati community of Sirmaur: जनजातीय दर्जा नहीं, तो विधानसभा चुनाव का होगा बहिष्कार

सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देने की मांग को लेकर अब हाटी समुदाय आर पार की लड़ाई लड़ने को पूरी तैयार कर ली है. (Tribal status to Giripar of Sirmaur) हाटी समुदाय अपनी (Hati community of Sirmaur) बरसों से चली आ रही लंबित मांग को पूरा करवाने के लिए 2022 में विधानसभा चुनाव तक का बहिष्कार करने का मन बना रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार को हाटी समिति ने डीसी सिरमौर के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक ज्ञापन सौंपा है,

Hati community of Sirmaur
सिरमौर का हाटी समुदाय

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Published : Dec 22, 2021, 3:45 PM IST

नाहन: करीब 50 सालों से चली आ रही (Tribal status to Giripar of Sirmaur) सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देने की मांग को लेकर अब हाटी समुदाय आर पार की लड़ाई लड़ने को पूरी तरह से तैयार है. हाटी समुदाय अपनी (Hati community of Sirmaur) बरसों से चली आ रही लंबित मांग को पूरा करवाने के लिए 2022 में विधानसभा चुनाव तक का (Hati community will boycott elections) बहिष्कार करने का मन बना रहे हैं.

इसको लेकर (Panchayats of Giripar area) 15 दिसंबर को गिरीपार क्षेत्र की 144 पंचायतों में खुमली (बैठक) भी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें जनजातीय दर्जे की मांग को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. इस संबंध में हाटी समिति ने बुधवार को डीसी सिरमौर के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को (Prime Minister Narendra Modi) भी एक ज्ञापन सौंपा. जिसमें जल्द से जल्द गिरीपार क्षेत्र को (Hati community submitted memorandum to PM) जनजातीय दर्जा देने की मांग की गई है.

वीडियो.

हाटी समिति नाहन यूनिट के सलाहकार सुरेंद्र ठाकुर (Hati Samiti Nahan) का कहना है कि 25 दिसंबर को गिरी पांच क्षेत्र की 144 पंचायतों में खुमली आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें अपनी मांग को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि 1968 से हाटी समुदाय का जनजातीय दर्जा देने का मुद्दा चला आ रहा है, लेकिन अब तक सरकार ने यह मांग पूरी नहीं की है.

उन्होंने कहा कि अब किसी भी तरह के झूठे आश्वासन नहीं चलेंगे. हाटी समुदाय अब अपनी मांग को लेकर उग्र आंदोलन करेगा. सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि खुमली में यह तय किया जाएगा कि या तो हाटी समुदाय की मांग को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, या फिर 2022 में 144 पंचायतों के लोग विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. साथ (Hati community Fighting for Tribal status) ही सड़कों पर उतर कर राजनेताओं को सबक सिखाएंगे, क्योंकि हमेशा यहां के लोगों को वोट के लिए इस्तेमाल किया गया है.

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