नाहन: वर्ष 2002 में नियुक्त किए गए ग्रामीण विद्या उपासकों द्वारा ओल्ड पेंशन स्कीम में शामिल किए जाने की मांग की गई है. जिला सिरमौर ग्रामीण विद्या उपासक संघ (Sirmaur Gramin Vidya Upasak Sangh) द्वारा बुधवार को प्रेस वार्ता आयोजित की गई. प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष माया राम शर्मा ने बताया कि प्रदेश में नियुक्त 1300 के लगभग विद्या उपासकों की नियुक्ति वर्ष 2002 में भाजपा सरकार द्वारा ही की गई थी.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) के प्रदेश अध्यक्ष रहने के कार्यकाल के दौरान उन्हें नियमित भी किया गया था. माया राम शर्मा ने सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए मांग की कि ओल्ड पेंशन बहाली (Old Pension Scheme in Himachal) के दौरान उन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज न किया जाए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार 15 मई 2003 से पहले जो भी कर्मचारी किसी भी विभाग में कार्यरत हैं, वह ओल्ड पेंशन स्कीम का हकदार होगा.
लिहाजा 2002 में नियुक्त सभी ग्रामीण विद्या उपासक नियमित जेबीटी अध्यापक ओल्ड पेंशन स्कीम के हकदार है. जिला ग्रामीण विद्या उपासक संघ के अध्यक्ष द्वारा अन्य कर्मचारियों की नियुक्तियों को लेकर भी स्पष्टीकरण दिए गए. उन्होंने सरकार से मांग की है कि 2003 से पहले नियुक्त हुए सभी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन की व्यवस्था है, तो ग्रामीण विद्या उपासको को इस लाभ से वंचित क्यों रखा गया है.