नाहन: सिरमौर जिले में जाति के आधार पर एक कार्यक्रम में खाना परोसने का मामला सामने आया है. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जाति के आधार पर खाना परोसने का यह वीडियो एक युवक मदन रांटा ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल से शेयर किया है. साथ ही इस मामले में सवाल भी किए हैं. ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता. हालांकि यह वीडियो कब और किस कार्यक्रम का है, इसको लेकर तो संबंधित युवक ने जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन युवक ने यह वीडियो पोस्ट कर इसे शिलाई का मामला बताया है.
हिमाचल प्रदेश: इन जातियों के लोग खाना खाने अलग बैठें, लाउड स्पीकर से हुई घोषणा
सिरमौर जिले में जाति के आधार पर एक कार्यक्रम में खाना परोसने का मामला सामने आया है. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 47 सेकेंड के इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि माइक पर एक शख्स जाति के आधार पर अलग-अलग खाना परोसने की बात कह रहा है. वहीं, यह वीडियो पोस्ट कर युवक मदन रांटा ने लिखा कि यह है हमारे हाटी क्षेत्र के हाल और बोलते यह है कि हम सब एक ही समुदाय के लोग हैं, लेकिन इधर तो रोटी भी जाति को देख के दी जाती है, तो हम उन लोगों से पूछते हैं, जो बोलते हैं कि हम एक ही समुदाय के लोग हैं और खान पान भी एक जैसा है. साथ में खाते हैं और हमारे मेले ओर त्योहार भी एक जैसे होते हैं. कोई जात पात नहीं है, तो फिर यह क्या है.
47 सेकेंड के इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि माइक पर एक शख्स जाति के आधार पर अलग-अलग खाना परोसने की बात कह रहा है. वहीं, यह वीडियो पोस्ट कर युवक मदन रांटा ने लिखा कि यह है हमारे हाटी क्षेत्र के हाल और बोलते यह है कि हम सब एक ही समुदाय के लोग हैं, लेकिन इधर तो रोटी भी जाति को देख के दी जाती है, तो हम उन लोगों से पूछते हैं, जो बोलते हैं कि हम एक ही समुदाय के लोग हैं और खान पान भी एक जैसा है. साथ में खाते हैं और हमारे मेले ओर त्योहार भी एक जैसे होते हैं. कोई जात पात नहीं है, तो फिर यह क्या है. युवक ने आगे लिखा कि आप सभी लोग वीडियो में देखो जरा शिलाई के अंदर किस प्रकार से छुआछूत है. हमें कोई एतराज नहीं है. एसटी में आने से, लेकिन हमारा जो एससी एसटी एक्ट है, वह प्रव्हावित रहना चाहिए, क्योंकि जातपात और छुआछूत और भी हमारे गिरिपार के क्षेत्र में कूट-कूट कर भरी है. युवक ने यह भी अपील की कि जिसको भी यह वीडियो समझ आए, जरूर शेयर करना, ताकि सरकार तक ऐसी घाटिया वाली मानसिकता वाले लोगों की सोच का पता लगे.