नाहन: पांडुलिपियों, प्राचीन पुस्तकों, पुराने व बहुमूल्य अभिलेखों के परिरक्षण और उनके सूचीकरण, मूल्यांकन, अनुवाद मुद्रण सहित श्रेणीकरण के लिए भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार की ओर से वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है. जिसकी अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये निर्धारित की गई है, जोकि 25 प्रतिशत सरकार व व्यक्ति के अनुपात में दी जाएगी.
बता दें कि इस योजना के तहत जिला भाषा व संस्कृति विभाग ने भी पांडुलिपियों, प्राचीन पुस्तकों, अभिलेखीय छात्राचित्र और प्रिंट रेपोग्राफी सहित माइक्रोफिलिंग श्रेणियों के लिए आवेदन मांगे थे. लिहाजा केंद्रीय वित्तिय सहायता के लिए इच्छुक व्यक्ति व संस्थाएं आवेदन कर सकते हैं.