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PM मोदी का सपना हिमाचल के पांवटा साहिब में हो रहा है साकार, जीरो बजट प्राकृतिक खेती से किसान कमा रहे लाखों

आज के दौर में जीरो बजट प्राकृतिक खेती उन किसानों के लिए वरदान की तरह है जिनके पास खेती के लिए पूंजी का आभाव होता है. जीरो बजट प्राकृतिक खेती की बात की जाए तो इसमें कम लागत में अधिक पैदावार मिलती है. वहीं, हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के पांवटा साहिब की बात की जाए तो यहां पर किसानों ने जीरो बजट खेती कर अपनी और अपने गांव के लोगों की तकदीर बदली है.

Natural Farming in Paonta Sahib
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Published : Sep 28, 2021, 12:05 PM IST

पांवटा साहिब:जीरो बजट प्राकृतिक खेती करने का एक तरीका है जिसमें बिना किसी लागत के खेती की जाती है. कुल मिलाकर कहें तो यह पूरी तरह से प्राकृतिक खेती है. जीरो बजट प्राकृतिक खेती बाहर से किसी भी उत्पाद का कृषि में निवेश को खारिज करता है. जीरो बजट प्राकृतिक खेती में देशी गाय के गोबर एवं गौमूत्र का उपयोग करते हैं.

आज के दौर में जीरो बजट फार्मिंग उन किसानों के लिए वरदान की तरह है जिनके पास खेती के लिए पूंजी का आभाव होता है. जीरो बजट प्राकृतिक खेती की बात की जाए तो इसमें कम लागत में अधिक पैदावार मिलती है.

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वहीं, हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के किशनपुरा गांव की बात की जाए तो यहां पर किसानों ने जीरो बजट खेती कर अपनी और अपने गांव के लोगों की तकदीर बदली है. स्थानीय महिला किसान जसविंदर कौर ने बताया कि 2018 में उन्हें शिविर के दौरान उन्हें बताया गया था कि जीरो बजट खेती किसानों के लिए फायदेमंद है. प्राकृतिक खेती की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद उन्होंने सोच लिया कि वे प्रकृतिक खेती ही करेंगी.

शुरुआत में एक से डेढ़ साल उन्हें भारी परेशानियां झेलनी पड़ी, लेकिन अब समय के साथ उनकी इनकम 4 से 5 गुना बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि अपने गांव में उन्होंने 100 से अधिक महिलाओं को जोड़ा है. इस समूह में करीब 60 महिलाएं जो बिल्कुल एक्टिव मोड में काम कर रही हैं.

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जसविंदर कौर ने बताया कि पहले 5 बीघे में उनकी 20 से ₹25,000 इनकम होती थी और अब लाखों में इनकम हो रही है. उन्होंने कहा कि जितना समय अन्य खाद खरीदने में लगता है उतना घर में ही जीवन अमृत खाद बनाने में लगता है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा उन्हें अच्छी सुविधाएं दी जा रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि जीरो बजट खेती में पैसे भी कम लग रहे हैं.

वहीं, आसपास की महिलाओं ने बताया कि प्राकृतिक खेती करने से इनकम में वृद्धि हो रही हो रही है. प्राकृतिक खेती करने से फसलों की पैदावार में भी 4 से 5 गुना वृद्धि हुई है. यहां महिलाओं ने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि प्राकृतिक खेती किसानों की आय दोगुनी कर रही है और किसानों के लिए फायदेमंद भी है.

इसी कड़ी में जसविंदर कौर के पति ने बताया कि 2009 से एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के साथ मिलकर पूरे हिमाचल का दौरा कर चुके हैं. इसके अलावा कई राज्यों में भी जाकर उन्होंने प्राकृतिक खेती की पुख्ता ट्रेनिंग ली है और लोगों को दी भी है.

उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र में ऐसा प्लांट तैयार किए हैं. जिससे साल भर उनकी इनकम होती रहे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने का असली फॉर्मूला यही है इस से 2 गुना नहीं बल्कि 4 गुना किसान इनकम कमा सकते हैं.

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