नाहन:भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स पैरा कमांडो से अक्टूबर 2018 में सेवानिवृत्त होने के बाद सिरमौर के बिशन दास ने हिमाचल खुम्ब विकास योजना के तहत मशरूम का प्लांट लगाकर स्वयं के साथ-साथ अन्य स्थानीय युवाओं को भी घर द्वार पर ही रोजगार के अवसर उपलब्ध करवा कर एक मिसाल कायम की है.
दरअसल सिरमौर जिले के बिरला निवासी बिशन दास का (Mushroom production in Sirmaur) कहना है कि जब वह सेना से सेवानिवृत हो रहे थे, तब उनके मन में विचार आया कि क्यों न कोई ऐसा काम किया जाए, जिससे न केवल उन्हें बल्कि अन्य स्थानीय युवाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें. इसके लिए उन्होंने मशरूम प्लांट लगाने का निश्चय किया.
25 दिन का मशरूम उगाने का प्रशिक्षण:सर्वप्रथम उन्होंने उद्यान विभाग द्वारा धौलाकुआं में 25 दिन का मशरूम उगाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया और उसके बाद अपने गांव बिरला में एक छोटा मशरूम प्लांट स्थापित किया, जिसमें उन्होंने 500-500 बैग के तीन यूनिट स्थापित किए. इन इकाइयों को सफलतापूर्वक चलाने के बाद उन्होंने मोगिनंद में 25000 बैग का बड़ा प्लांट लगाया.
65 लाख रुपये का ऋण: इसके लिए उन्हें उद्यान विभाग से पूरा सहयोग प्राप्त हुआ. उन्होंने कंपोस्ट यूनिट स्थापित करने के लिए 17 लाख और उत्पादन यूनिट स्थापित करने के लिए 65 लाख रुपये का ऋण यूको बैंक से प्राप्त किया, जिसके उपरांत उन्हें विभाग की ओर से 8-8 लाख की अनुदान राशि प्राप्त हुई.
उन्होंने बताया कि मार्च, 2021 में उन्होंने अपना यूनिट स्थापित करना (mushroom in Sirmaur) शुरू किया, जोकि अगस्त में तैयार हो गया और अक्टूबर, 2021 से मशरूम का उत्पादन आरंभ हो चुका है. बिशन दास का कहना है कि वह प्रतिमाह 20 से 30 टन बटन मशरूम का उत्पादन कर सभी खर्चों को निकालकर 3 से 4 लाख रुपये बचा लेते हैं.