नाहन: सिरमौर रियासत की गलत राजस्व नीति के विरूद्ध सन् 1942 में छेड़े गए पझौता आंदोलन (Pajhota movement in HP) पर एक शार्ट डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जा रही है. यह डाक्यूमेंट्री फिल्म मूलतः पझौता आंदोलन के मुख्य सूत्रधार स्व. वैद्य सूरत सिंह की पुस्तक 'पझौता आंदोलन' पर आधारित है.
दरअसल इस डाक्यूमेंट्री फिल्म को बनाने का मुख्य उद्देश्य, वर्तमान युवा पीढ़ी को देश की आजादी की लड़ाई में पझौता आंदोलन की भूमिका के बारे में जानकारी देना है. यह डाक्यूमेंट्री फिल्म नाहन के राजेन्द्र आनंद राज और राकेश नंदन द्वारा बनाई जा रही है.
आनंद राज इससे पहले भी करीब 12 डाक्यूमेंट्री फिल्में बना चुके हैं, जिसमें नाहन के ऐतिहासिक धरोहर स्थलों पर आधारित एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी शामिल है. इसमें नाहन के सभी धरोहर स्थलों की ऐतिहासिक जानकारियों को बहुत ही खूबसूरती के साथ प्रदर्शित किया गया है. आनंद राज के अनुसार अगले एक माह के भीतर हमने इस डाक्यूमेंट्री फिल्म को पझौता आंदोलनकारियों को समर्पित करने का लक्ष्य रखा है.
पझौता के अधिकतर आंदोलनकारियों के घर-घर पहुंचकर, उनके परिजनों से वार्ता कर डाक्यूमेंट्री फिल्म की शूटिंग (documentary film shooting in nahan) का कार्य काफी हद तक पूर्ण कर लिया गया है और अंतिम चरण की शूटिंग अभी की जानी है. आनंद राज ने कहा कि इस डाक्यूमेंट्री फिल्म को बनाने की प्रेरणा पझौता आंदोलन के मुख्य सूत्रधार स्वर्गीय वैद्य सूरत सिंह जी के बेटे जय प्रकाश चौहान से उन्हें मिली है.
इस डाक्यूमेंट्री फिल्म में सिरमौर की जिला भाषा अधिकारी कीर्तिका नेगी, शिक्षाविद एवं लेखक शेर जंग कनैत आदि का मार्गदर्शन मिला है. फिल्म डाक्यूमेंट्री प्रोडक्शन टीम में नाहन के राकेश नंदन, सोलन के मशहूर सिनेमाटोग्राफर-कैमरामैन सुरेन्द्र भट्टी, सिरमौरी संस्कृति के जानकार प्रदीप ममगई और अन्य सदस्य शामिल हैं. आंनद राज कहते हैं कि हमने पझौता आंदोलन के प्रमुख आंदोलनकारियों के परिजनों और क्षेत्र के प्रमुख लोगों से भेंट कर एक अच्छी डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाने का एक प्रयास किया है जिसे शीघ्र ही पझौता आंदोलन के सिपाहियों को समर्पित किया जाएगा.